Ballistic Missile Test, (आज समाज), बीजिंग: चीन ने अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। ड्रैगन ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर यह बात स्वीकार की है कि उसने प्रशांत महासागर में बुधवार को एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
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अपेक्षित स्थान पर समुद्र में गिरी मिसाइल
चीन रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कहा है कि बैलिस्टिक मिसाइल में एक डमी वारहेड लगाया गया और इसे लोकल टाइम के मुताबिक आज सुबह 8 बजकर 44 मिनट पर पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की रॉकेट फोर्स द्वारा लॉन्च किया गया। बयान में बताया गया है कि यह मिसाइल अपेक्षित स्थान पर समुद्र में गिरी। चीन ने कहा है, यह टेस्ट उसके वार्षिक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा है और किसी देश को लक्षित करके इसकी लॉन्चिंग नहीं की गई है।
संबंधित देशों को पहले ही दे दी थी सूचना
चीनी मीडिया के मुताबिक, पीएलए ने पहले ही मिसाइल को लेकर संबंधित देशों को सूचना दे दी थी। रिपोर्ट्स में मिसाइल के मार्ग व प्रशांत महासागर में वह कहां गिरी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि पीएलए की रॉकेट फोर्स, देश की पारंपरिक व परमाणु मिसाइलों के संचालन की देखभाल करती है।
परमाणु शक्तियों को आधुनिक बनाने की जिम्मेदारी
रॉकेट फोर्स को चीन की परमाणु शक्तियों को आधुनिक बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि अमेरिकी मिसाइल रक्षा, मजबूत गठबंधन और बेहतर निगरानी क्षमता का मुकाबला किया जा सके। कुछ विश्लेषकों के मुताबिक चीन बहुत तेजी से अपने परमाणु हथियार बढ़ाने में जुटा है। हालांकि ड्रैगन का कहना है कि वह ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ की पॉलिसी का पालन करता है।
अमेरिका परमाणु हथियार बढ़ाने के खिलाफ
अमेरिका हमेशा परमाणु हथियारों में वृद्धि के लिए चीन की आलोचना करता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के पास 500 से अधिक परमाणु हथियार हैं और 2030 तक यह संख्या 1,000 से अधिक होगी। बता दें कि चीन में वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता वाला केंद्रीय सैन्य आयोग एकमात्र परमाणु कमान प्राधिकरण है।
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