बीजिंग। चीन का परमाणु हथियार वार्ता में भाग लेने का कोई इरादा नहीं है। इससे पहले वॉशिंगटन ने संकेत दिया था कि बीजिंग को भी वार्ता में शामिल होना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग श्वांग ने आरोप लगाया कि अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण की अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए इस बदलाव के बहाने चीन का इस्तेमाल कर रहा है।अमेरिका इससे पहले रूस से साथ दो दौर की वार्ता कर चुका है। इस बातचीत का मकसद पिछले साल खत्म हुई ‘शीत युद्ध परमाणु संधि’ के बाद महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों के बारे में गलतफहमी को कम करना है। इस संधि के खत्म होने से हथियारों की एक नई दौड़ पैदा होने की आशंका हो गई थी। वॉशिंगटन ने चीन के बढ़ते परमाणु शास्त्रागार को लेकर पारदर्शिता के अभाव पर चेतावनी दी है, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जोर दिया है कि नए निरस्त्रीकरण समझौते में चीन को भी शामिल करने की जरूरत है।