प्रवीण वालिया, करनाल:
एसडीएम घरौंडा डॉ. पूजा भारती ने बताया कि स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे देश का भविष्य हैं, उन्हें नशे से दूर रखने के लिए उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में नौंवी से बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए ड्रग कंट्रोल सैल बनाए गए हैं। प्रत्येक सैल में एक अध्यापक और चैम्पियन के तौर पर एक बच्चे को शामिल किया गया है। सैल अपने मकसद के लिए सुचारू रूप से कार्य करे, इसके लिए विद्यालय के प्राचार्य को जिम्मेदारी दी गई है। यह सैल ऐसे बच्चों का अर्ली डिटैक्शन यानि प्रारम्भिक स्तर पर पता लगाएगा, जो किसी न किसी नशे से जुड़े हैं। एसडीएम ने बुधवार को एसडीएम कार्यालय में ड्रग कंट्रोल सेल के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश देते कहा कि सभी शिक्षक अपने-अपने स्कूलो में गहनता से काम करें, जो भी कार्य हो उसकी हर महीने बैठक आयोजित करके समीक्षा की जाए।
विद्यालय के आस-पास नशे की चीजें बेचने पर है प्रतिबंध- एसडीएम डॉ. पूजा भारती ने बताया कि कॉप्टा एक्ट के तहत किसी भी शिक्षण संस्था के आस-पास 100 मीटर की परिधि में नशे के पदार्थों की ब्रिकी प्रतिबंधित की गई है। इसके अमल के लिए जिलाधीश द्वारा धारा-144 भी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूल जिनमें नशे से जुड़ गए विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है, उनमें शिविर लगाकर विद्यार्थियों को जागरूक करेंगे। नशा सप्लाई करने वाले तथाकथित लोगों की होगी धर पकड़-एसडीएम डॉ. पूजा भारती ने बताया कि जो लोग नशीले पदार्थों की अवैध सप्लाई में संलिप्त होकर युवाओं का भविष्य खराब कर रहे हैं, अब पुलिस विभाग ऐसे लोगों की धर पकड़ कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। नशे से ग्रस्त व्यक्ति व बच्चों की काउंसलिंग के दौरान ऐसे लोगों और उनकी जगहों का पता लगाया जाएगा। इसके अलावा जिला औषधी नियंत्रक को जिम्मेदारी दी गई है कि वे दवा की दुकानो पर रेड कर ऐसी दवाओं को चैक कर जब्त करें, जिससे नशा होता है। जिन दुकानों पर ऐसी दवाएं मिलेंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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