अजय द्विवेदी, नई दिल्ली
Children left studies in Chitrakoot due to untouchable disease : आधुनिक युग में लोग चांद में घर बनाने की तैयारी कर चुके हैं। वहीं, सामाजिक कुरीतियों (social evils) की वजह से आज भी लोग सालों पुरानी रीति को छोड़ नहीं पा रहे है। इसका खामियाजा देश के भविष्य (future of the country)को उठाना पड़ रहा है। एक ऐसा ही मामला यूपी चित्रकूट के प्राथमिक विद्यालय अमरपुर (primary school amarpur) का सामने आया है। यहां छुआछूत की बीमारी (contagious disease) से कुछ बच्चों को स्कूल में अलग बिठाया जाता है।
साथ ही सहपाठी भी उनसे दूरी बनाकर रखते हैं। बात-बात पर मजाक उड़ाते है। शिकायत पर शिक्षक उल्टे उन्हीं बच्चों को डांट देते हैं। यहां तक कि स्कूल में लगे हैंडपंप से पानी पीने की इजादत उन्हें नहीं हैं। अछूत की दंश से तंग आकर कई बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी। उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचने पर जांच हुई तो कार्रवाई की जगह शिक्षकों को फटकार लगाकर भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत दी गई।
प्राथमिक विद्यालय अमरपुर में दूर बिठाए जाते छात्र
यहां के मानिकपुर विकासखंड के गांव अमरपुर में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने जाने वाले छात्रों को अछूत बताकर कक्षा में दूर बैठाया जाता है। पीड़ित छात्रों में काजल, संगीता, गोविंद और मुकेश शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग अमरपुर के विद्यालय में पढ़ने जाते हैं, लेकिन अन्य जाति के बच्चे छुआछूत के चलते हम लोगों को मार कर दूर बैठाने की कोशिश करते हैं। जब इसकी शिकायत हमने अध्यापक से की, तो उन्होंने भी हमें डांटकर भगा दिया। छुआछूत के रवैए से तंग आकर गांव के बच्चों ने स्कूल में पढ़ाई करना बंद कर दिया है। यहां तक कि विद्यालय में लगे हैंडपंप से विशेष जाति के बच्चे हमें पानी भी पीने नहीं देते हैं।
मामला संज्ञान आने पर अफसरों में मचा हड़कंप
प्राथमिक विद्यालय अमरपुर के छुआछूत का मामला संज्ञान में आने पर अफसरों में हड़कंप मच गया। अध्यापक की जांच करने के लिए अधिकारियों का तांता लगा हुआ है। मानिकपुर तहसील के एसडीएम, थाना प्रभारी और खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में पहुंचकर जांच की और कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि छुआछूत का मुद्दा विद्यालय में पैदा हुआ, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तहसीलदार मानिकपुर राजेश कुमार यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मौके पर जाकर इसकी जांच की गई है और संबंधित अध्यापकों को फटकार लगाते हुए कहा गया है कि अगर यह रवैया रहा, तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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