काम की बात

Children diseases: बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण होने वाले रोग

Children diseases: इन दिनों पूरे देश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कभी धूप, तो बारिश ने लोगों को परेशान किया हुआ है। मानसून के कारण हवा में नमी भी ज्यादा हो गई है। जिसकी वजह से लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं। आजकल हर घर में 1 से 2 लोग सर्दी, खांसी, पेट में दर्द और फ्लू की बीमारी से परेशान हैं। विशेषकर इन दिनों बच्चे में पेट में दर्द, दस्त और उल्टी की समस्या देखी जा रही है। मेरा खुद का बेटा पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान था। उसे दिन में 7 से 8 बार उल्टी हो रही थी। बार-बार उल्टी के कारण मेरा बेटा काफी परेशान हो गया था। जब मैंने डॉक्टर से इस विषय पर बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे बेटे को गैस्ट्रोएंटेराइटिस हुआ है। आज इस लेख में मैं आपके साथ गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है, इसका कारण क्या है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है इस विषय की जानकारी देने वाली हूं।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है?

गैस्ट्रोएंटेराइटिस का आसान भाषा में अर्थ है पेट में दर्द और आंतों में सूजन आ जाना। एक्सपर्ट के अनुसार, गैस्ट्रोएंटेराइटिस तब होता है जब शरीर का जठरांत्र (जीआई) मार्ग में संक्रमण हो जाता है।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण क्या हैं?

अगर किसी बच्चे को गैस्ट्रोएंटेराइटिस है, तो उसमें नीचे बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैं:

दस्त
मतली और उल्टी
पेट में ऐंठन या दर्द
बुखार
थकान और चिड़चिड़ापन
निर्जलीकरण के लक्षण (मुंह सूखना, कम आंसू आना, कम पेशाब आना)
ठंड लगना
शरीर में दर्द
अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी एक 24 घंटे से ज्यादा महसूस होता है, तो इस विषय पर तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव कैसे करें

हाथ धोना: अपने बच्चे को साबुन और पानी से हाथ धोने का महत्व सिखाएं। ध्यान दें कि बच्चा खाना खाने से पहले और बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छे तरीके से धो रहा है या नहीं।

सही तरीके से पकाया हुआ खाना दें : बच्चों को बारिश या किसी भी मौसम में पाचन संबंधी समस्या न हो इसके लिए खाने को पकाने पर विशेष ध्यान दें। बच्चे को सही तरीके से पकाया हुआ खाना ही दें। कभी भी बच्चे अधपका खाना खाने के लिए न दें।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस में बच्चे की देखभाल कैसे करें?

उल्टी और दस्त के कारण बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए उसे ओएसएस पिलाएं। दिन में कई बार थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ जैसे की जूस, नारियल पानी और लस्सी जैसी चीजें उसे पीने के लिए दें। उल्टी कम होने के बाद धीरे-धीरे केले, चावल, सेब और टोस्ट (BRAT आहार) जैसे हल्के खाद्य पदार्थों दें। एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा करने से बच्चे का शरीर तेजी से रिकवर होता है।

डॉक्टर की मानें तो मानसून में खाद्य पदार्थों के कारण बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में बच्चों बाहर का जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड देने से बचना चाहिए

इन दिनों पूरे देश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कभी धूप, तो बारिश ने लोगों को परेशान किया हुआ है। मानसून के कारण हवा में नमी भी ज्यादा हो गई है। जिसकी वजह से लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं। आजकल हर घर में 1 से 2 लोग सर्दी, खांसी, पेट में दर्द और फ्लू की बीमारी से परेशान हैं। विशेषकर इन दिनों बच्चे में पेट में दर्द, दस्त और उल्टी की समस्या देखी जा रही है। मेरा खुद का बेटा पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान था। उसे दिन में 7 से 8 बार उल्टी हो रही थी। बार-बार उल्टी के कारण मेरा बेटा काफी परेशान हो गया था। जब मैंने डॉक्टर से इस विषय पर बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे बेटे को गैस्ट्रोएंटेराइटिस हुआ है। आज इस लेख में मैं आपके साथ गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है, इसका कारण क्या है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है इस विषय की जानकारी देने वाली हूं।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है?

गैस्ट्रोएंटेराइटिस का आसान भाषा में अर्थ है पेट में दर्द और आंतों में सूजन आ जाना। एक्सपर्ट के अनुसार, गैस्ट्रोएंटेराइटिस तब होता है जब शरीर का जठरांत्र (जीआई) मार्ग में संक्रमण हो जाता है।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण क्या हैं?

अगर किसी बच्चे को गैस्ट्रोएंटेराइटिस है, तो उसमें नीचे बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैं:

दस्त
मतली और उल्टी
पेट में ऐंठन या दर्द
बुखार
थकान और चिड़चिड़ापन
निर्जलीकरण के लक्षण (मुंह सूखना, कम आंसू आना, कम पेशाब आना)
ठंड लगना
शरीर में दर्द
अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी एक 24 घंटे से ज्यादा महसूस होता है, तो इस विषय पर तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव कैसे करें?

हाथ धोना: अपने बच्चे को साबुन और पानी से हाथ धोने का महत्व सिखाएं। ध्यान दें कि बच्चा खाना खाने से पहले और बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छे तरीके से धो रहा है या नहीं।

सही तरीके से पकाया हुआ खाना दें : बच्चों को बारिश या किसी भी मौसम में पाचन संबंधी समस्या न हो इसके लिए खाने को पकाने पर विशेष ध्यान दें। बच्चे को सही तरीके से पकाया हुआ खाना ही दें। कभी भी बच्चे अधपका खाना खाने के लिए न दें।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस में बच्चे की देखभाल कैसे करें?

उल्टी और दस्त के कारण बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए उसे ओएसएस पिलाएं। दिन में कई बार थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ जैसे की जूस, नारियल पानी और लस्सी जैसी चीजें उसे पीने के लिए दें। उल्टी कम होने के बाद धीरे-धीरे केले, चावल, सेब और टोस्ट (BRAT आहार) जैसे हल्के खाद्य पदार्थों दें। एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा करने से बच्चे का शरीर तेजी से रिकवर होता है।

डॉक्टर की मानें तो मानसून में खाद्य पदार्थों के कारण बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में बच्चों बाहर का जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड देने से बचना चाहिए।

Mamta

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