काम की बात

Child care: क्या एक वर्ष तक के बच्चों को अनुशासन सिखाया जा सकता है

Child care: आजकल बच्चे के जन्म के साथ ही पेरेंट्स पर बच्चों की दोगुनी जिम्मेदारी बढ़ गई है। दरअसल, आज से लगभग 30 साल पहले तक लोगों के परिवार संयुक्त हुआ करते थे, तब पेरेंट्स को बच्चों को पालने, खिलाने, उन्हें नई-नई चीजें बताने और डिसिप्लिन सिखाने का काम परिवार के बुजुर्ग किया करते थे। लेकिन इन दिनों शहरों में जब परिवार छोटे हो गए हैं, तब बच्चों को डिसिप्लिन सिखाने का काम भी पेरेंट्स के कंधों पर आ गया है। सिंगल परिवारों में अक्सर आपने देखा होगा जब बच्चे छोटे होते हैं, तो पेरेंट्स उनकी हर बात मानते हैं। कई बार बच्चा गुस्सा होकर सामान फेंक देता है या अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए बच्चे सब कुछ छोड़कर एक कोने में खड़े हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स कई बार बच्चे को डांटने लगते हैं या फिर गुस्से में हाथ उठा देते हैं।

1 साल के बच्चे को डिसिप्लिन सीखना क्यों जरूरी है

बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए पेरेंट्स को थोड़ी परेशानी आ सकती है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा आपको खुद समझ में आने लगेगा कि आपका बच्चा अन्य बच्चों के मुकाबले, बातों को ज्यादा ध्यान से सुनता और जानता है।’

1. सीमाएं निर्धारित करें

1 साल की उम्र में बच्चा नई-नई एक्टिविटी को करना सीखता है। इस स्थिति में बच्चा हर वो चीज करना चाहता है, जो पेरेंट्स या उसके आसपास के लोग कर रहे हैं। जब आपका बच्चा ऐसी एक्टिविटी कर रहा है, तो उसके लिए कुछ चीजों की सीमाएं निर्धारित करें। बच्चा खाना बनाने की नकल करने की कोशिश कर रहा है, तो उसे इशारों में या बातों के जरिए समझाएं चाकू और तेजधार वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना है। अगर आपको बच्चे की कोई बात पसंद नहीं आती है, तो इसके लिए “नहीं” या “बंद करो” जैसे सरल शब्दों का उपयोग करें।

2. ध्यान पुनः निर्देशित करें

छोटा बच्चा अगर किसी ऐसी चीज की ओर बढ़ रहा है, जो उन्हें नहीं करनी चाहिए, तो उनका ध्यान किसी खिलौने या उनकी पसंदीदा एक्टिविटी की तरफ करें। ऐसा करने से बच्चा का दिमाग भटक जाएगा और वह उसे नहीं करेगा।

3. छोटी-छोटी बातों की तारीफ करें

छोटे बच्चों की ख्वाहिश होती है कि जब वह छोटी-छोटी एक्टिविटी करते हैं, तो पेरेंट्स उसकी तारीफ करें। उदाहरण के लिए अगर आपका बच्चा चलना सीख रहा है और चार कदम चलकर रुक जाता है, तो ताली बजाकर उनका प्रोत्साहन करें। बच्चा हरी सब्जियां खाता है, तो उसे स्माइल दें। ऐसी छोटी-छोटी तारीफों से बच्चे का मन खुश होता है और वह नई चीजों को करने के लिए आगे बढ़ता है।

4. धैर्य रखें

नए पेरेंट्स अक्सर हड़बड़ी में आ जाते हैं कि वह जल्दी-जल्दी सब कुछ सीख ले, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा होता नहीं है। बच्चे को डिसिप्लिन और नई आदतों को सीखने में वक्त लगता है, इसलिए मन को शांत रखने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि बच्चा कभी कोई अच्छी या बुरी आदत एक दिन में न तो सीखता है और न ही इसमें बदलाव आता है, यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसे आपको लगातार करना पड़ेगा, तभी इसका असर देखने को मिलेगा।

Mamta

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