Child Welfare Council : घर में जैसा परिवेश है वैसे ही विचार एवं संस्कार बाल जीवन में प्रवर्तित होते हैं : विपिन शर्मा

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बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा की जानकारी देते विपिन शर्मा।
बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा की जानकारी देते विपिन शर्मा।

Aaj Samaj (आज समाज), Child Welfare Council, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
उपायुक्त एवं जिला बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष मोनिका गुप्ता आईएएस के मार्गदर्शन में आज राजकीय उच्च विद्यालय खटोटी कला में नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

इस मौके पर योजना के नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि हर घर में जैसा परिवेश होता है उसी प्रकार के विचार एवं संस्कार बाल जीवन में प्रवर्तित होते हैं। वास्तव में बाल अवस्था कोरे कागज की तरह होती है। जब बच्चा छोटा होता है तभी से उसमें अच्छे संस्कार रूपी पौधा रोपा जाना सम्भव होता है जिसे समय के साथ और अधिक पुष्पित व पल्लवित किया जा सकता है।

ऐसे में प्रत्येक परिवार के हर एक सदस्य का दायित्व है कि बच्चों में भौतिक संसाधनों के स्थान पर अच्छी शिक्षा व संस्कार देने का लक्ष्य तय करें क्योंकि आज के युवा जिस तनाव, अवसाद, गलत संगत, अंधविश्वास और अनुशासनहीनता की गिरफ्त में में है उसका मूल कारण परिवारों में संस्कारो का अभाव ही है। ऐसे में यदि आरम्भ से बच्चों को सुसंस्कार दिए जाए तो वे न केवल अपना जीवन सुधारेंगे बल्कि परिवार के अलावा आमजन का भी सम्मान करेंगे। जीवन की स्थाई सफलता का आधार मनुष्य का चरित्र ही है। इस आधार के बिना जैसे तैसे सफलता प्राप्त कर भी ली जाएं तो यह अधिक टिकाऊ नहीं हो सकती। व्यक्ति, परिवार, राष्ट्र की स्थाई समृद्धि और विकास का विघटन होता हैं।

चरित्र एक दृढ़ चट्टान है जिस पर खड़ा व्यक्ति अजेय और महान होता है। लोकमान्य तिलक ने कहा है कि संसार में सच्चरित्र व्यक्ति ही उन्नति प्राप्त करते हैं। संपूर्ण जीवन कार्य, व्यवहार, विचार, मनोभावों की निर्मलता से ऊंचा उठता है। शुद्धि से ही चरित्र का गठन होता है। सेवाएं, दया, परोपकार, उदारता, त्याग, शिष्टाचार, सद्व्यवहार आदि चरित्र के ही अंग हैं। आपके विचार इच्छाएं, आकांक्षाएं, आचरण जैसे हैं उन्हीं के अनुरूप आपके चरित्र का गठन होता हैं और जैसा आपका चरित्र है वैसी ही आपकी दुनिया बनती है। आपका जीवन, आपका संसार, आपके ही चरित्र की देन हैं।

कार्यक्रम में शास्त्री हरिकिशन गौड ने मंच संचालन किया तथा नैतिक मूल्यों पर अपने विचार रखे और बच्चों से अपील की कि वे बताई गई सभी बातों को अपने जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू करें तथा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छे नागरिक भी बने।

मुख्य अध्यापक संजीव कुमार ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलवाया कि वे अपने विद्यालय के बच्चों को प्रतिदिन नैतिक मूल्यों की शिक्षा से अवगत करके जागरूक करते रहेंगे।

इस अवसर पर बाल भवन से तीरंदाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा तथा अध्यापकगण रामनिवास, राजेश व संतोष देवी, पीटीआई ओमप्रकाश, प्रदीप क्लर्क, अजीत सिंह, कमलेश देवी, प्रधान दूर्गा देवी, रविना के अलावा स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

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