Child Sexual Abuse: 12 में से 1 बच्चा हो रहा आनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार

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Child Sexual Abuse: 12 में से 1 बच्चा हो रहा आनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार
Child Sexual Abuse: 12 में से 1 बच्चा हो रहा आनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार

Sexual Abuse: नई दिल्ली: यह खबर उन बच्चों के साथ-साथ उनके पैरेंट्स के लिए भी जरूरी है जिनके बच्चे अक्सर आजकल मोबाइल में मशगूल रहते हैं और मां-बाप भी बात-बात पर बच्चों को मोबाइल और इंटरनेट यूज करने के लिए दे देते हैं। एक स्टडी रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले वर्ष किसी न किसी समय विश्वभर में हर 12 बच्चों में से एक बच्चा आनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार हुआ है।

शोधकर्ताओं ने 123 स्टडीज का विश्लेषण किया

पत्रिका, द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट हेल्थ में हाल ही में इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसके अनुसार शोधकर्ताओं ने 2010 से 2023 तक 123 स्टडीज का विश्लेषण किया और पाया कि किस तरह बच्चे इंटरनेट और आधुनिक्ता के युग में आज आनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि पिछले साल वैश्विक स्तर पर 12 बच्चों में से कम से कम एक को एक तरह से आनलाइन यौन शोषण अथवा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।

चुनौती बन गई है आनलाइन यौन उत्पीड़न की समस्या

हस तरह इंटरनेट की सुविधा फायदे के साथ-साथ आज नुकसान का भी बड़ा कारण बन रही है। वैश्विक स्तर पर सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि परिवार का हर छोटे से बड़ा सदस्य आज मोबाइल के बिना खुद को असहज महसूस करता है। कई लोग इसका दुरुपयोग करते हैं और कुछ ही उपयोग करते हैं। यही वजह है कि आज दुनियाभर में आनलाइन यौन उत्पीड़न की समस्या चुनौती बन गई है।

इंटरनेट के जरिये तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ आम

इंटरनेट के जरिये सेक्सटिंग, आनलाइन ग्रूमिंग, पोर्नोग्राफी और तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ आज आम है। शोधकर्ताओं ने स्टडीज के विश्लेषण के दौरान जाना कि आज दुनियाभर में आठ में से एक बच्चा आॅनलाइन यौन शोषण से प्रभावित था और इतनी ही संख्या में आनलाइन इस गतिविधि में शामिल होने का आग्रह किया गया था। रिपोर्ट मं हर माता-पिता को इसके प्रति सावधान होने के साथ-साथ बच्चों पर नजर रखने की भी हिदायत दी गई है।

मजबूत कानून की जरूरत पर जोर

स्टडी की रिपोर्ट में आनलाइन यौन शोषण के बढ़ते खतरे से निपटने व विश्वभर में बच्चों को सेफ रखने के लिए मजबूत कानून की जरूरत पर जोर दिया गया है। द लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2023 तक आॅनलाइन यौन शोषण (4.7 फीसदी वैश्विक प्रसार), एक यौन जबरन वसूली (3.5 प्रतिशत), तस्वीरों के साथ दुर्व्यवहार से प्रभावित था। शोधकर्ताओं ने हालांकि, लिंग में कोई गेप नहीं पाया, पर पहले की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि लड़कियां आज के समय में लड़कों की तुलना में ज्यादा अनसेफ हैं।

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