Child Rights Protection : बाल देख रेख संस्थानों में रहने वाले बच्चों से करें अभिभावकों जैसा व्यवहार: अनिल लाठर

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हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण
हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण

Aaj Samaj (आज समाज), Child Rights Protection, करनाल, 21 सितम्बर, इशिका ठाकुर
बाल देख रेख संस्थानों में रह रहे बच्चों के साथ अभिभावकों जैसा व्यावहार करे तथा उनको एक परिवारिक माहौल दे ताकि वे समाज की मुख्याधारा से जुड सके।ये शब्द हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनिल लाठर और श्याम शुक्ला ने करनाल नगर निगम कार्यालय के सभागार में बाल अधिकार संरक्षण से जुडे विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक के दौरान कहे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की हिदायतों व अधिनियम की दृढ़ता से पालना सुनिश्चित की जाए कही पर भी अधिनियम की अवेलना न हो। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूलों में मेरे गुरूजन के नाम से जगाए जाने वाले बोर्ड को स्कूल प्रांगण में ऐसी जगह लगवाना सुनिश्चित करे। जिसे अभिभावक व बाहर से आने वाले व्यक्ति को भी संबंधित विषय के अधियापक के बारे में जानकारी मिल सके।

बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों पर जोर देने के लिए प्रेरित करे

उन्होंने कहा कि बाल देख रेख संस्थानों में रह रहे बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य पहलुओं पर निरंतर निगरानी रखने, रोजाना पोषण आहार के साथ इम्युनिटी बनाये रखने के लिए प्रतिपूरक आहार दिए जाने उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग और मैडिटेशन करवाया जाने, बच्चों की निरंतर मॉनिटरिंग करने और नैतिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाने के निर्देश दिए। उन्होंनेकहा कि बच्चों को भविष्य में बेहतर जीवन के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलों पर जोर देने के लिए प्रेरित करे। प्रत्येक बच्चे में प्रतिभा होती है केवल उसे निखारने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि आज कल बच्चें भी सोशल मीडिया से जुडे रहते है एैसे में उन पर कडी नजर रखे और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए की आनलाईन पढाई के समय केवल पढाई ही कर रहे है या कुछ और देख रहे है।

उन्होंने सहायक श्रम आयुक्त को निर्देश दिए कि वे विभाग की बाल श्रम को लेकर जारी की गई गाईड लाईन के मुताबिक जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक हर माह आयोजित करवाना सुनिश्चित करे। उन्होंने पुलिस अधिकारी को निर्देश दिए कि रात्रि 8 बजे के बाद यदि कोई लावारिस नाबालिगलडकी या लडके को बाल संरक्षण संस्थान में ही भेजे। उन्होंने स्वास्थय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पोक्सों एक्ट के अंतर्गत पीडित बच्चे व संस्थाओं में रह रहे बच्चों के मैडिकल को प्राथमिकता दी जाएं ताकि उनको परेशान न होना पडे।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना रानी ने बैठक के समापन पर आयोग के सदस्यों तथा अन्य विभाग से आये हुए अधिकारियों का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि पिछले तीन दिनों से बाल संरक्षण संस्थाओं के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करवाया जाएगा ताकि बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडे।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर एएसपी पुष्पा, जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी राज बाला, जिला बाल कल्याण अधिकारी विश्वास मलिक, सहायक श्रम आयुक्त नरेंद्र कुमारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश चानना, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना रानी, बलराज सांगवान, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड, अधीक्षक संध्या, संरक्षण अधिकारी सुमन नैन, रूचि, निधि तथा संस्थाओं के प्रबंधक मौजूद रहे।

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