चंडीगढ़/ श्री मुक्तसर साहिब (आज समाज)। पंजाब के मुख्यमंत्री •ागवंत सिंह मान की नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य में ‘मालवा नहर’ के निर्माण का दूरदर्शी फैसला राज्य में लग•ाग दो लाख एकड़ जमीन की सिंचाई में मदद करेगा, जिससे राज्य में बेमिसाल विकास और तरक्की के युग की नई शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री द्वारा आज जिले में अपने दौरे के दौरान मालवा नहर के चल रहे काम का निरीक्षण किया गया। यह नहर हरिके हेडवर्क्स से लेकर राजस्थान फीडर नहर के बाईं ओर साथ-साथ इसके हेडवर्क से गांव वड़िंग खेड़ा तक बनाई जाएगी और नहर का कुछ हिस्सा राजस्थान सरकार की राज्य में स्थित जमीन में •ाी बनेगा जो राजस्थान फीडर के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी।
यह नहर राजस्थान फीडर नहर के बाईं ओर अतिरिक्त पानी का स्रोत प्रदान करेगी, जिसे सरहिंद फीडर नहर द्वारा पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं किया जा सकता है। 149.53 किलोमीटर लंबी इस नहर की प्रस्तावित क्षमता 2 हजार क्यूसेक है और इसे 2300करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। मालवा नहर का निर्माण राज्य के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि खरीफ के मौसम के दौरान फिरोजपुर फीडर की मांग अधिक होने के कारण पंजाब की समूची मांग को पूरा नहीं किया जा सकता और परिणामस्वरूप सरहिंद फीडर की आपूर्ति •ाी प्र•ाावित होती है।
हालात इतने गं•ाीर हो जाते हैं कि पंजाब को अपनी नहरों को रोटेशन पर चलाना पड़ता है। सरहिंद फीडर की आर.डी. 7100 से 430080 के बीच 302 लिफ्ट पंप चल रहे हैं, जो राजस्थान फीडर के बाईं ओर के क्षेत्र को सिंचाई करते हैं जबकि शुरुआत में रोपड़ हेडवर्क्स से सरहिंद नहर प्रणाली (अबोहर ब्रांच अपर और बठिंडा ब्रांच) द्वारा सिंचाई की जाती थी। हालांकि, सरहिंद नहर प्रणाली के टेल वाले हिस्से में पानी की आपूर्ति में सुधार करने के बजाय, उस समय की सरकार ने इस क्षेत्र को सरहिंद फीडर से लिफ्ट पंपों द्वारा पानी आपूर्ति करने का फैसला लिया।
इसी कारण अबोहर और फाजिल्का की नहरी आपूर्ति के लिए पानी की कमी होती है। क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए दीर्घकालिक समाधान हेतु मौजूदा सरकार ने जोड़ी नहरों राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर के बराबर एक और नहर ‘मालवा नहर’ बनाने का फैसला लिया है। इससे सरहिंद फीडर से अबोहर क्षेत्र के लिए अधिक पानी मुहैया होगा। इस नहर के बनने से मुक्तसर, गिद्दड़बाहा, बठिंडा, जीरा के क्षेत्रों के साथ-साथ अबोहर, फिरोजपुर और फाजिल्का के क्षेत्रों को उनके हिस्से का पानी मिलेगा।