नई दिल्ली। महाराष्ट्र में आज राजनीतिक संकट के बादल छटनें के आसार हैं। आज शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों दल एक साथ मीटिंग करेंगे और यह तय करेंगे कि सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के पास कब पेश करना है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि तीनों दलों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) ने तय कर लिया है कि शिवसेना का ही मुख्यमंत्री पांच साल तक रहेगा। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। राउत से जब प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र के लोग उद्धव ठाकरे को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने इस बात का खंडन किया कि शरद पवार ने संजय राउत का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए रखा है। इसके साथ ही राउत ने भाजपा -शिवसेना के बीच आई दरार का जिक्र किया और कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और राकांपा के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा। बाकी की स्थितियां तीनों दलों की एक साथ बैठक के बाद बेहतर तरीके से सामने आएंगी। प्रेस कांन्फ्रेंस में संजय राउत से सवाल किया गया कि अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है। इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ”प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है। महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है। यह पूछे जाने पर क्या तीनों गैर भाजपा दल शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, इस पर राउत ने कहा, ”जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है तो ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात क्यों करेंगे।