Chief Minister Manohar Lal Statement
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बैंक अंत्योदय को ध्यान में रखकर अपनी नई स्कीमों को बनाएं, ताकि अंतिम जरुरतमंद व्यक्ति का इनके माध्यम से भला हो सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री मंगलवार को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल भी मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी बैंकों को स्टैंड-अप स्कीमों पर काम करना चाहिए, ताकि किसान, मजदूर, नए उद्यमियों को पैरों पर खड़ा किया जा सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बैंकों को ऋण देने के साथ-साथ निचले स्तर पर सर्वे, ट्रेनिंग, मॉनिटरिंग, क्षमता बढ़ाने पर भी पैसा खर्च करना चाहिए ताकि जो व्यक्ति बैंक से ऋण लेता है, वह उसका सहीं सदुपयोग करे और बैंक को आसानी से वापिस लौटा सके। बैंकों को एनपीए कम करने पर भी ध्यान देना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब व्यक्ति को ऋण देते समय बैंकों को सी-बिल स्कोर के पैमाने को छोड़ना चाहिए और इसकी रिकवरी सुनिश्चित हो, इसके लिए 100 लोगों पर 1 टीम गठित करके लगातार मॉनिटरिंग की व्यवस्था बनानी चाहिए। उनके आर्थिक ज्ञान को भी बढ़ाना चाहिए ताकि ऋण लेने के बाद वे सफल हो सकें। सरकार को आज एक-एक व्यक्ति और एक-एक परिवार कि चिंता है।
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हम अंत्योदय के भाव से हर पात्र को सक्षम बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अंत्योदय परिवार उत्थान मेले आयोजित किए जा रहे हैं। अभी तक इन मेलों के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इनमें 1 लाख से कम आय वाले व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। भविष्य में इन मेलों की संख्या बढ़ाई जाएगी, यदि ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत बैंकों का पूरा सहयोग मिले तो अधिकांश आबादी को रोजगार मुहैया करवाकर उनकी आय बढ़ाई जा सकती है। सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ऐसे पात्र व्यक्तियों को पहचान करने का कार्य कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक किसानों पर केंद्रित स्कीमों का क्रियान्वन करें। उन्हें माइक्रो इरिगेशन, जल संरक्षण और रिचार्जिंग बोरवेल से जुड़ी ऋण संबंधी स्कीमें बनानी चाहिए। भूमिगत जल स्तर लगातार गिर रहा है, सरकार इसे बचाने के लिए पूरजोर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बहुत स्कीमों के माध्यम से सब्सिडी भी दी जा रही है। ऐसे में बैंकों को आगे आकर इस पर विशेष तौर पर केंद्रित स्कीमों को लाना चाहिए।
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इसके साथ-साथ खेती की पैदावार में गुणवत्ता लाने के लिए बॉयो फर्टिलाइजर, प्राकृतिक खेती, जीरो बजट खेती और आर्गेनिक खेती से जुड़ी स्कीमों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा का स्तर बढाने के लिए संस्कृति मॉडल स्कूल और प्ले-वे स्कूल की तर्ज पर यदि कोई प्राइवेट स्कूल आए तो उनसे जुड़ी भी ऋण संबंधी योजनाओं पर बैंकों को कार्य करना चाहिए।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा एक मॉडल और प्रोग्रेसिव स्टेट है, इसे और बेहतर बनाने के लिए बैंकों को उत्साह से काम करना चाहिए। बैंकों को सीएसआर ट्रस्ट के माध्यम से भी सामाजिक कार्यों में अपनी भूमिका अदा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने हरियाणा के लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत 2014-15 में 450 करोड़ का ऋण मुहैया करवाया था, जो अब बढ़कर 1400 करोड़ हो गया है। भविष्य में इसे 3 गुणा तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
सेमिनार में मुख्यमंत्री ने नाबार्ड द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए तैयार किया गया 1,61,167.29 करोड़ रुपये के ऋण संभाव्यता वाले स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया। इसके साथ-साथ उन्होंने स्कसेस स्टोरी बुक का भी विमोचन किया। उन्होंने उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए हरेड़ा, चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक, महेंद्रगढ़ के हरको बैंक व एसबीआई को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, एसीएस टीवीएसएन प्रसाद ने भी सेमिनार को संबोधित किया। इस दौरान एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, नाबार्ड की मुख्य प्रंधक दीपा बी गुहा व बैंकों से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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