- योजना प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की करेगी भरपाई
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरूआत की गई है।
योजना के तहत 21 फसलों को किया गया है शामिल
डीसी ने बताया कि ‘मुख्यमन्त्री बागवानी बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव), आंधी तूफान व आग जो फसल नुकसान का कारण बनते है, को योजना में शामिल किया जा रहा है। इस योजना के तहत 21 फसलें शामिल है। जैसे 14 सब्जियां (टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिण्डी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पतागोभी, मूली), 2 मसालें (हल्दी, लहसुन) और 5 फल (आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) शामिल है।
उपायुक्त राहुल हुड्डा ने बताया कि यह योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योरड) सब्जियों व मसालों के लिए रूपये 30 हजार रूपए प्रति एकड़ व फलों के लिए रूपये 40 हजार रूपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जोकि सब्जियों में राशि 750 रूपए व फलों में राशि 1000 रूपए प्रति एकड़ होगी।
चार श्रेणियों में बांटा गया है मुआवजा
उपायुक्त राहुल हुड्डा ने बताया कि मुआवजा को चार श्रेणी 25, 50, 75 व 100 में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से सब्जियो/मसालों के लिए 15 हजार रूपए व फलों के लिए 20 हजार रूपए, 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान की अवस्था में मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 22 हजार 500 रुपये व फलों के लिए 30 हजार रूपए तथा 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान की अवस्था में मुआवजा 100 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 30 हजार रूपए व फलों के लिए 40 हजार रूपए दिया जाएगा। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी। योजना की निगरानी समीक्षा एवं विवादों का समाधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गठित राज्य स्तर व जिला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
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