Aaj Samaj (आज समाज), Chief Justice DY Chandrachud, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह (सेम सेक्स मैरिज) की मांग वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को चौथे दिन सुनवाई हुई। बता दें कि सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 20 याचिकाएं दायर की गई हैं और सुप्रीम मंगलवार से इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। पिछली तीन दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनीं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अब 13 याचिकाकर्ताओं को आगे बहस करने की अनुमति दी है। मामले में सुनवाई 24 अप्रैल यानी सोमवार तक हर हाल में पूरी करनी होगी।
- कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर चौथे दिन सुनवाई
सभी को मर्जी का पार्टनर चुनने का हक : अभिषेक बनर्जी
शुक्रवार की कार्यवाही के दौरान सीजेआई ने इशारा किया कि सोमवार को जरूरी मामलों की सुनवाई पहली बेंच सुबह साढ़े नौ बजे से करेगी, क्योंकि सुबह साढ़े दस बजे संवैधानिक पीठ को सेम सेक्स मुद्दे पर दलीलें सुननी हैं। इस बीच सेम सेक्स मैरिज के मुद्दे पर तृणमूल लीडर और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती। उन्होंने कहा, पुरुष अगर पुरुष को चाहता है या फिर महिला किसी महिला को प्यार करती है तो उसे अपनी मर्जी का पार्टनर चुनने का हक है।
एडॉप्शन पर सीजेआई ने गुरुवार को कहा…
एडॉप्शन पर बात करते वक्त सीजेआई ने गुरुवार को कहा था कि यह बातें मैं सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के रिस्क के बावजूद कह रहा हूं। उन्होंने सुनवाई के दौरान टिप्पणियों पर होने वाले सोशल मीडिया रिएक्शन की तरफ इशारा किया था। तीसरे दिन की सुनवाई में याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गई कि शादी को वंशवृद्धि के नजरिए से देखना गलत है।
सेम सेक्स मैरिज के पक्ष में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे पैरवी
बता दें कि इस मामले में केंद्र का पक्ष सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता रख रहे हैं। वहीं सेम सेक्स मैरिज के पक्ष में लगाई गई याचिकाओं की पैरवी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी समेत कई वकील कर रहे हैं। तीसरे दिन की सुनवाई में याचिककर्ताओं की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, केवी विश्वनाथन और राजू रामचंद्रन बहस में शामिल हुए। दलीलें सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणियां भी कीं और सवाल भी पूछे।
सिंघवी ने ऐतराज जाहिर किया
स्पेशल मैरिज एक्ट के एक प्रावधान को लेकर सिंघवी ने ऐतराज जाहिर किया कि दो लोग शादी से पहले ही दुनिया को अपना इरादा बताकर विरोध को न्योता क्यों दें। राजू रामचंद्रन ने केंद्र के उस बयान को असंवेदनशील बताया, जिसमें सेम सेक्स मैरिज वैिलडेशन को एलीट क्लास सोच कहा गया था। विश्वनाथन ने पूछा था कि जो लोग बच्चे नहीं पैदा कर सकते, क्या उन्हें शादी की इजाजत नहीं मिलती है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि सरकार के पास यह डेटा नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि सेम सेक्स मैरिज एलीट क्लास का कॉन्सेप्ट है।
सुनवाई आने वाली पीढ़ियों के लिए : कोर्ट
केंद्र सरकार ने सेम सेक्स को मान्यता देने का विरोध करते हुए कहा कि हम इस मामले में उलझ रहे हैं। यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और हम तो कह रहे हैं कि इस मामले पर सुनवाई ही न की जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की कवायद आने वाली पीढ़ियों के लिए हो रही है। अदालत और संसद इस पर बाद में फैसला करेंगे।
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