नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को अब तक राहत नहीं मिली है। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व वित्तमंत्री को चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने चिदंबरम और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों के बाद चिदंबरम की याचिका का खारिज कर दिया था। बता दें कि कोर्ट ने आठ नवंबर को सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। चिदंबरम ने जमानत के अनुरोध में कहा कि साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं और ये जांच एजेंसियों के पास हैं। इसलिए, वह उनमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते। लेकिन सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत याचिका का विरोध किया था। ईडी की ओर से दलील दी गई कि वह गवाहों को प्रभावित करने तथा धमकी देने की कोशिश कर सकते हैं। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दलील दी थी कि धन शोधन मामले में और सीबीआई के मामले में अलग-अलग साक्ष्य हैं तथा पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम कानून) मामला कहीं अधिक गंभीर है और कहीं अधिक जघन्य है। मेहता ने कहा कि यह एक आर्थिक अपराध है, जो कि अलग है। उच्च न्यायालय ने एक नवंबर को चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल अधीक्षक को उन्हें स्वच्छ वातावरण और स्वच्छ पेयजल, घर में पकाया गया भोजन, मच्छरदारी और मच्छर भगाने वाली मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। बता दें कि चिदंबरम को ईडी ने उन्हें 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।