- मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण में प्रेरणा देते हैं छत्रपति महाराज
Chhatrapati Shivaji Maharaj Birth Anniversary, (आज समाज), नई दिल्ली: छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 395वीं जयंती है और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सहिम कई ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूं।
मजबूत व आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरणादायक
मोदी ने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज्य की नींव रखी व पीढ़ियों को साहस तथा न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण में प्रेरणा देते हैं।
राष्ट्र निर्माता के रूप में याद किए जाते हैं शिवाजी महाराज
अमित शाह ने एक्स पर लिखा, छत्रपति शिवाजी महाराज जी का जीवन, जिन्होंने ‘हिंदवी स्वराज्य’ की घोषणा की, नैतिकता, कर्तव्य और धर्मपरायणता का संगम था। उन्होंने लिखा, कट्टरपंथी आक्रमणकारियों के खिलाफ जीवन भर संघर्ष करके सनातन स्वाभिमान की ध्वजा के रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज को राष्ट्र निर्माता के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।
साहस, प्रतिबद्धता और अटूट समर्पण : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। उनका अद्वितीय साहस, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और लोगों के कल्याण के लिए अटूट समर्पण हमें प्रेरित करता है। उन्होंने लिखा, शिवाजी महाराज की निस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और लचीलेपन की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।
1630 में पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था जन्म
छत्रपति शिवाजी महाराज 17वीं सदी के भारतीय योद्धा राजा थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे महान योद्धाओं में से एक माना जाता है। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था।
1674 में पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी
1670 में मुगलों से भीषण युद्ध करने के बाद 1674 में उन्होंने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के अलावा, शिवाजी महाराज ने स्थानीय आबादी के लिए एक व्यापक नागरिक संहिता की स्थापना की। इस दिन का मुख्य उद्देश्य मराठा साम्राज्य की बहाली में महान योद्धा के योगदान का सम्मान करना और उनकी व्यापक विरासत को पहचानना है।
ये भी पढ़ें : Amir of Qatar: भारत-कतर के बीच मजबूत होंगे रिश्ते, कई समझौतों पर हुए हस्ताक्षर