Haryana News: छठ महापर्व हमें प्रकृति से प्रेम, जल व वायु को स्वच्छ रखने और सामाजिक समरसता का देता है संदेश: नायब सैनी

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छठ महापर्व हमें प्रकृति से प्रेम, जल व वायु को स्वच्छ रखने और सामाजिक समरसता का देता है संदेश: नायब सैनी
Haryana News: छठ महापर्व हमें प्रकृति से प्रेम, जल व वायु को स्वच्छ रखने और सामाजिक समरसता का देता है संदेश: नायब सैनी

मुख्यमंत्री ने महा छठ पर्व महोत्सव में करनाल में बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को महा छठ पर्व महोत्सव के अवसर पर करनाल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पश्चिमी यमुना नहर के किनारे पर स्थापित भगवान सूर्य देव मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समिति की ओर से रखी गई सभी मांगों को स्वीकार किया और अपने ऐच्छिक कोष से 21 लाख रुपये की राशि अनुदान के रूप में देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है कि सूर्य पुत्र महावीर-दानवीर कर्ण की नगरी करनाल में छठ पर्व की पूजा में शामिल होने का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा कि छठ महापर्व हमें प्रकृति से प्रेम, जल व वायु को स्वच्छ रखने और सामाजिक समरसता का संदेश देता है। सूर्य की उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति व आस्था का प्रकृति से गहरा जुड़ाव है। छठ पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश के महत्व को बताया गया है। चढ़ते सूरज की पूजा हर कोई करता है, लेकिन आप सूरज के हर रूप की पूजा करते हैं। इसमें ढलते सूरज की पूजा करना भी अद्भुत है। इससे यह संदेश जाता है कि हमें जीवन के उतार-चढ़ाव में समान भाव रखना चाहिए। छठ पूजा को सूर्य उपासना का सबसे पवित्र पर्व माना गया है। ऊर्जा और जीवन शक्ति के देवता सूर्य नारायण की पूजा इस पर्व के दौरान मनोकामना पूर्ति, समृद्धि और प्रगति प्रदान करने के लिए की जाती है।

यह पर्व आपसी प्रेम और समानता का देता है संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्र की तरह यह पर्व भी साल में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र मास में और दूसरी बार कार्तिक मास में आता है। छठ पूजा का संबंध हरियाणा से भी है। एक मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरूआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्यदेव की पूजा शुरू की थी। आज भी यहां सूर्य पूजा का विशेष प्रभाव दिखता है। यह पर्व आपसी प्रेम और समानता का संदेश भी देता है।

उन्होंने कहा कि भगवान सूर्यनारायण मन्दिर इसी आस्था और श्रद्धा का परिणाम है। हर साल हजारों श्रद्धालुओं द्वारा यहां छठ पर्व मनाने की परंपरा को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पश्चिमी यमुना कैनाल पर 4 करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से स्नान घाट का निर्माण किया है। खुशी की बात है कि इसी घाट के सामने नहर के दूसरे किनारे पर भी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत एक और घाट का निर्माण हो चुका है। आज भी इन घाटों पर भारी संख्या में महिलाएं पूजा कर रही हैं।

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