Aaj Samaj (आज समाज), Cheetahs Death In Kuno, नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के कूनो में चीतों की मौत पर केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया। केंद्र सरकार ने कहा कि इस बात की आशंका पहले से थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या ऐसा होना सही है। इस पर केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कहा- हमें इस बात की आशंका थी। दूसरी जगह से शिफ्ट किए जाने पर पहले साल में 50 प्रतिशत मौतें होना खतरे की घंटी नहीं है। हमारी रिपोर्ट में सारी डिटेल है।

चार महीने में आठ चीतों की डेथ

बता दें कि इसी माह सात जुलाई को कूनो में सूरज, जबकि 11 जुलाई को तेजस नाम के चीते की मौत हो गई थी। एक सप्ताह में दो चीतों की मौत को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने नेचुरल बताया था। बीते चार महीने में यहां आठ चीतों की मौत हो चुकी है।

नामीबिया से लाए गए हैं चीते

27 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई थी। 27 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई थी।

निर्देश और दिशा देने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन को निर्देश और दिशा देने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है और इस कमेटी ने ही चीतों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। कमेटी की एप्लिकेशन पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।

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