आज समाज डिजिटल, हैदराबाद,( Charu Sinha CRPF IG): 1996 बैच के तेलंगाना कैडर की आईपीएस अधिकारी चारू सिन्हा आतंकियों को धूल चटाने के बाद अब नक्सलियों पर नकेल कसेंगी। दरअसल यह जांबाज महिला अधिकारी हैदराबाद में अर्धसैनिक बल के दक्षिणी क्षेत्र में अपनी ट्रांसफर के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के चार क्षेत्रों की महानिरीक्षक (आईजी) बन गई हैं। यह मुकाम हासिल करने वाली चारू सिन्हा पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।
- 69 उग्रवाद विरोधी अभियानों में कम से कम 21 आतंकी मारे
- 22000 सीआरपीएफ कर्मियों की 22 बटालियनों की कमान संभाली
श्रीनगर सेक्टर में वर्ष 2020 में सीआरपीएफ में आईजी रहीं
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर सेक्टर में वर्ष 2020 में सीआरपीएफ में बतौर आईजी तैनात होने वाली चारू पहली महिला अधिकारी बनीं थी। अधिकारियों ने बताया कि अगले दो वर्षों में, उन्होंने लगभग 69 उग्रवाद विरोधी अभियानों में बल का नेतृत्व किया, जिसमें कम से कम 21 आतंकी मारे गए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बडगाम, श्रीनगर और गांदरबल जिलों में लगभग 22000 सीआरपीएफ कर्मियों की 22 बटालियनों की कमान संभाली। चारू ने एक संयुक्त सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस टीम का नेतृत्व भी किया, जिसने जनवरी 2022 में लशकर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सलीम पर्रे और एक अन्य विदेशी आतंकी को मार गिराया था।
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चारू सिन्हा बिहार में माओवादी विरोधी अभियानों में भी शामिल थीं। उन्हें 2018 में बिहार सेक्टर की सीआरपीएफ आईजी बनाया गया था। उस दौरान भी उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ अभियानों में अच्छा काम किया था और खूब तारीफ पाई थी। इसी के साथ 2022 में कोविड-19 महामारी के बाद दो साल में पहली बार आयोजित अमरनाथ यात्रा भी चारू की देखरेख में हुई थी। चारू सिन्हा ने कश्मीर में अपने कार्यकाल को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि हम सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में कश्मीर में युवाओं के साथ जुड़े। हमारी प्राथमिकता युवाओं को एक सार्थक अभ्यास में शामिल करना था, जिससे उन्हें रोजगार खोजने में मदद मिले।
चारू ने लव यू जिंदगी कार्यक्रम का भी निरीक्षण किया
चारू सिन्हा ने लव यू जिंदगी कार्यक्रम का भी निरीक्षण किया था। सीआरपीएफ के एक अन्य जवान के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत मानसिक स्वास्थ्य, लिंग और वित्तीय मुद्दों से निपटने के लिए जूनियर सीआरपीएफ कर्मियों के लिए पाठ्यक्रम आयोजित किए गए। जवान ने कहा, हमारे जवान महीनों से घाटी में तैनात हैं और अपने परिवारों से दूर रहते हैं। कुछ ऐसे भी थे जिन्हें वैवाहिक समस्याएं हैं। तनाव से निपटने के अलावा, कार्यक्रम ने वित्तीय निवेश में भी जवानों की मदद की।
कश्मीर में तलाशी अभियान के दौरान घरों में प्रवेश से पहले जूता उतारने की हिदायत
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि चारू ने 2021 में एक आदेश जारी कर सभी कर्मियों को घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान घरों में प्रवेश करने से पहले जूता उतारने को कहा था। यह न केवल यहां के लोगों के लिए सम्मान का संकेत था बल्कि एक व्यावहारिक कदम भी था क्योंकि ज्यादातर घरों में कालीन होते हैं और कुछ महंगे भी होते हैं।
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