(Charkhri Dadri) चरखी दादरी। स्थानीय जनता कालेज स्टेडियम में आयोजित प्रात: कालीन योग कक्षा के दौरान गुरु पूर्णिमा के पुनित अवसर पर कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। भारत के प्रत्येक घर तक योग को पहुंचाने में अहम योगदान देने वाले स्वामी रामदेव के जीवन व संघर्ष पर चर्चा की गई। बतौर मुख्य वक्ता योग शिक्षक सदा राम उनके जीवन पर प्रकाश डाला। उनके साथ अर्जुन दास, बबलू गुप्ता और बौद्ध राज ने भी अपने विचार रखें।
गौरतबल है कि योग शिक्षक सदा राम जांगड़ा लगातार पिछले 25 वर्ष से प्रात: कालीन योग कक्षा के जरिए स्टेडियम में रोजाना ं नि:शुल्क प्रात पांच से साढे छह बजे तक सभी को योग सिखाते है। उनकी सेवाओं को देखते हुए आज गुरू पूर्णिमा पर आयोजित योग कक्षा के दौरान उन्हें सम्मानित किया गया।
सदाराम जांगडा ने बताया कि स्वामी रामदेव ने कठिन हालातो में दृढ़ विश्वास और कठिन परिश्रम से योग, समाज व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान बनाया। आज योग के क्षेत्र में उन्हें विश्व योग गुरु के नाम से जाना जाता है।
सदा राम जांगडा जीवन में गुरु की महिमा और महत्व को विस्तार से साधकों को बताया। उनहोंने कहा कि एक साधक को सिद्धि प्राप्त करने के लिए गुरु कृपा और ज्ञान व उसके आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता होती है। गुरु ही हमारे जीवन में वह ज्योति जलता है जिससे हम अंधेरे से उजाले की तरफ तथा अज्ञान से ज्ञान की ओर अग्रसर होते है। इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों में कहा भी गया है कि गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देव महेश्वर गुरु साक्षात परम ब्रह्म तस्मे श्री गुरुवे नम:।
संत कबीर ने गुरु की महिमा के बारे में कहा है गुरु गोविंद दोहू खड़े किसके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दीओ बताए। गुरु की महिमा अपरंपार है, उनका एक एक उपदेश हमारे जीवन से मोह रूपी अंधकार को नष्ट करता है। गुरु ज्ञान व उसकी कृपा वह पारसमणी है जिसके स्पर्श मात्र से मूल्यहीन वस्तु मूल्यवान हो जाती है। सदा राम जांगड़ा ने कक्षा में विभिन्न योग ,कराए नियमित योग करने और योग साधकों को योग कक्षा में आने के लिए प्रेरित किया और सम्मान के
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