(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। भाकियू ने आपात बैठक आयोजित कर सरकार द्वारा निजि कंपनियों को बीज तैयार कर मनमर्जी दरों पर बेचने पर रोष जताया तथा निजि कंपनियों के बीजों के मनमाने भावों पर अंकुश लगाने की मांग की। भाकियू पदाधिकारियों ने एसडीएम को मांगपत्र देकर मनमानी दरों प खाद बीज के भावों पर अंकुशलगाने की मांग करते हुए दावा किया कि किसानों के बकाया मुआवजा, भावांतर, क्षतिपूर्ति राशी व लंबित ट्यूबवैल कनेक्षन जारी न करने पर जल्द ही जुलाई माह में बड़ी महापंचायत आयोजित कर आगामी रणनीति बनाने का फैसला लिया।
भाजपा सरकार में अनाज व बीज कंपनियों द्वारा बिक्री की जाने वाले बीज में प्रयुक्त अनाज का दोहरा कानून लागू किया जा रहा है
कस्बे के सरछोटूराम किसान भवन में भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों के उत्पादित अनाज व बीज कंपनियों द्वारा बिक्री की जाने वाले बीज में प्रयुक्त अनाज का दोहरा कानून लागू किया जा रहा है। सरकार कपास, सरसों, बाजरे की एमएसपी के नाम पर मात्र सवा सौ रुपये बढा कर वाहवाही लूट रही है जबकी धरातल पर किसानों को प्रति छह माह में मिलने वाला बीज लाखों रुपयों के प्रति क्विंटल दरों में बिक रहा है।
निजि कंपनिया सरकार से सांठगांठ कर दो लाख कपास का बीज, सरसों 90 हजार प्रति क्विंटल व बाजरे का बीज 65 हजार प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकी किसान के पास से दो से ढाई हजार में औने पौने दामों में खरीदा जा रहा है। किसान के बाजरे को प्रति क्विंटल मुश्किल से ढाई हजार प्रति क्विंटल जबकी उसी रुपये में बाजरे का बीज केवल दो से तीन किलोग्राम बेचकर कंपनिया बड़ा मुनाफा काम रही हैं।
किसान हितैषी होने का दम भरने वाली सरकार के शासन में गरीब व भोलेभाले किसान लाखों रुपये कर्ज में लेकर बिजली घर में जमा करवाते है लेकिन दो से तीन तीन साल तक उनके ट्यूबवैलों को बिजली कनेक्षन नहीं मिल पा रहे हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बिल वितरण की लचर व्यवस्था के कारण किसान समय पर बिजली बिल भुगतान ही नहीं कर पाते और उसका खामियाजा उनको पैनल्टी के रुप में चुकाना पड़ रहा है।
भाकियू पहुंची एसीएम के खुले दरबार, खाद बीज के भावों पर अंकुश लगाने की मांग
सभी किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा ना ले तथा निजि कंपनियों के बीजों के मनमाने भावों पर अंकुश लगाकर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के बकाया मुआवजा, भावांतर, क्षतिपूर्ति राशी व लंबित ट्यूबवैल कनेक्षन तुरंत जारी किया जाए। किसानों ने चेतावनी दी कि उनकी मांग पर जल्द ही कदम नहीं उठाया गया तो जुलाई माह में बड़ी महापंचायत आयोजित कर आगामी आंदोलन शुरु किया जाएगा। बैठक में पूर्व सरपंच गिरधारी मोद, महासचिव महेन्द्र जेवली, ओमप्रकाश उमरवास, रामअवतार लाड, सतबीर सिंह बाढड़ा, करतारसिंह, जगतसिंह बाढड़ा, मीरसिंह, दलीप सिंह भांडवा, ताराचंद इत्यादि सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।
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