(CharkhiDadri News) बाढड़ा। हरियाणा पटवार एसोसिएशन की अतिरिक्त सर्कल के गांवों के कामकाज को बंद रखने की हड़ताल आखिरकार खत्म कर दी गई तथा पटवारियों ने उन गांवों की लंबित काम निपटाना शुरु कर दिया है। इस हड़ताल से उपमंडल की जनता को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है सरकार के राजस्व विभाग को भी बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है।

विभागों से जुड़ी 258 सुविधाओं की दस हजार फाईलें अटक गई

दो सप्ताह से कामकाज बंद होने से अकेले चरखी दादरी जिले में राजस्व विभाग समेत अलग अलग विभागों से जुड़ी 258 सुविधाओं की दस हजार फाईलें अटक गई हैं वहीं सरकार के कोष पर भी 70 लाख की चपत लगी है। हरियाणा पटवार कानूनगो एसोसिएशन सहित सभी कर्मचारियों ने आज बैठक आयोजित कर 16 दिन से चल रही अतिरिक्त गांवों में काम छोड़ सांकेतिक हड़ताल को खत्म करने का फैसला लेते हुए आज से कामकाज शुरु कर दिया है।

एसोसिएशन के सभी पटवारियों ने बताया कि उनकी भ्रष्ट सूचि को वापस नहीं लेने व लंबित मांगों का समाधान न होने पर 18 जनवरी से बाढड़ा के अतिरिक्त सर्कल क्षेत्र 30 व दादरी क्षेत्र के तीस गांवों में काम बंद करना पड़ा। क्षुब्ध पटवारियों के हड़ताल पर रहने के कारण जिले भर की सभी तहसीलों में राजस्व संबंधित कामकाज पूरी तरह बाधित रहा तथा अकेले बाढड़ा व चरखी दादरी, बोंद तहसील क्षेत्रों में दस हजार से अधिक प्रमाणपत्र, भूमि संबधी व अन्य काम अधर मे लटक रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार हर तरह के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रखने का दावा कर रही है जबकी धरातल पर सरकार के वायदे हवा में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। भ्रष्टाचार की सूचि की आड़ में सरकार जनता का ध्यान भटकनाना चाहती है जो न्यायसंगत नहीं है।

पटवारी एसोसिएशन अध्यक्ष रामभगत पटवारी व कार्यकारी अध्यक्ष संजीव चांदवास की अगुवाई में आज से काम शुरु करने का फैसला लिया तथा दावा किया गलत तरीके से तैयार सूचि को लेकर कोई कदम उठाया गया तो जिले भर के सभी पटवारी पूरी तरह कामकाज बाधित कर पटवारखानों में पर ताला लगा देंगी जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होंगी।

जनता की समस्याओं को देखते हुए हड़ताल को वापस लिया

पटवारी एसोसिएशन अध्यक्ष रामभगत पटवारी व कार्यकारी अध्यक्ष संजीव चांदवास की अगुवाई में आंदोलन कारी पटवारियों ने दावा किया कि आज काम पर लौटने का फैसला जनता की बढती समस्याओं को देखते हुए लिया गया ळै लेकिन प्रशासन ने जल्द ही अपनी सूचि को रद्द नहंी किया तो पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल से भी पीछे नहीं हजटेंगे। भ्रष्ूट सूचि के नाम पर कर्मचारियों का उत्पीडऩ करने वाली सरकार के पास आज भी प्रदेश के पचास प्रतिशत पटवारियों के लिए बैठने के लिए जगह नहीं है वहीं मुलभुत सुविधाओं के लिए पहले ही समस्याओं से जूझ रहे हैं।

महिला पटवारियों के लिए रिहायशी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई

राजस्व विभाग में पदौन्नति, पे वृद्धि, रिक्त पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया, पुरुष पटवारियों को तो दूर महिला पटवारियों के लिए रिहायशी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है जो न्यायसंगत नहीं है। सरकार व विभाग अपने कर्मचारियों के हितों के लिए कोई कदम उठाने की बजाए कर्मचारियों को अपमानित करने के लिए बार बार झूठी सूचि जारी करने मे जुटी है। सरकार की तरफ से ब्यान दिया जा रहा है कि सूची जारी या आऊट करने की जांच की जा रही है लेकिन घटना के बीस दिन गुजरने के बाद भी प्रशासन व प्रदेश सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न होने से पटवारी व कानूनगो एसोसिएशन के बैनर तले हजारों पटवारी, कानूनगो व सामाजिक संगठन आंदोलन करने को मजबूर रहे हैं

इससे 18 जनवरी से उपमंडल व जिले के हजारों लोगों को दैनिक कामकाज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है जिसके लिए सरकार जिम्मेवार है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की हड़ताल के कारण राजस्व, चकबंदी, सरल केन्द्रों में भूमि संबधी सरकारी कामकाज अधर मे लटका रहा था क्योंकी पटवारियों के दस्तावेज व या दस्तावेज सत्यापन न होने से सरल केन्द्रों पर नाममात्र का काम चल रहा था।

जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था

पटवारियों की हड़ताल से विभागों का काम-काज ठप हो गया था जिससे आमजन की समस्या को देखते हुए आज उन्होंने कार्यालयों मै बैठकर 15 दिनों का लंबित कामों को निपटारा किया।

ग्रामीण विकास कुमार, रमेश, जगबीर शर्मा, जितेन्द्र श्योराण इत्यादि तहसील में आए किसानों व युवाओं ने बताया कि 18 जनवरी से आज तक राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा अतिरिक्त गांवों के कामकाज की हड़ताल के कारण जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जो आज से शुरु होने से उनको बड़ी राहत मिली है। इस बारे में पटवारियों ने बताया कि सरकार ने सूचि वापस लेने के मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो राज्य कार्यकारीणी आगामी आंदोलन की रुपरेखा तैयार करेगी।

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