(Charkhi Dadri) बाढड़ा। गांव कादमा के हिंद हाई स्कूल के प्रांगण आर्यवीर दल चरखी दादरी के तत्वावधान एवम् स्वामी सच्चिदानंद के सानिध्य में चल रहे सात दिवसीय व्यायाम प्रशिक्षण एवम् चरित्र निर्माण संस्कार शिविर के तीसरे दिन व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य एवम् राहुल आर्य ने सूर्यनमस्कार और भूमिनमस्कार का अभ्यास करवाते हुए बताया कि सूर्यनमस्कार के 12 अभ्यास और भूमिनस्कार के 16 अभ्यास से संपूर्ण शरीर का व्यायाम हो जाता है। आर्यवीर दल के जिला संचालक स्वामी सच्चिदानंद ने आर्यवीरों एवम् वीरांगनाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर और जीवात्मा के संयोग का नाम जीवन है। केवल शरीर के स्वस्थ होने और मन, बुद्धि तथा आत्मा के अस्वस्थ रहने पर व्यक्ति को पूर्ण स्वस्थ नहीं कहा जा सकता।
रोग पहले मानसिक पृष्ठभूमि में उत्पन्न होता है। मन के स्वस्थ रहने पर बहुत से शारीरिक रोगों के लक्षण भी स्वत: लुप्त हो जाते हैं। विद्यार्थी को काम, क्रोध, लोभ, मोह, शोक, भय, ईष्र्या, निंदा, अहंकार इत्यादि मानसिक रोगों के उत्पति के कारकों से हमेशा दूर रहना चाहिए। जैसे अग्नि में घी डालने से वह और प्रदिप्त होती है, वैसे ही विषयों के चिंतन या भोगने से उनके प्रति आसक्ति और भी बढ़ती है। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य छाजूराम, रविंद्र आर्य दगडौली, वेदप्रकाश, लक्ष्य, अर्जुन, तेजस्वी, प्रीति, आर्यन, जतिन, मोहित, दीपक, गणेश ,बबीता, एकता, कीर्ति, विपिन, राहुल, नारायण आदि की उपस्थिति रही।
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