(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी ।जिले के युवाओं में अब सेना में भर्ती का जज्बा अब दिनों दिन कमजोर होता जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा अग्निवीर योजना के लागू होने के बाद युवाओं में सेना की ओर खिंचाव कम होता जा रहा है। इसके चलते सेना में भर्ती होने की तैयारी करने अब कुछ युवा ही तैयारी करने पहुंचते हैं। वहीं पूर्व की बात की जाए तो जिले की सडक़ों पर सुबह व शाम के समय झुंडों में जिले के युवा दौड़ लगाते हुए दिखाई देते थे। इसी के चलते युवाओं को सेना के लिए तैयार करने वाले कोच भी अब यही मांग कर रहे हैं कि अग्निवीर योजना को खत्म किया जाए और पहले की तरह ही सेना में भर्ती शुरू की जाए।
यहां बता दें कि प्रदेश के युवकों का शुरू से ही सेना में भर्ती होने का अपने आप में देश में एक रिकार्ड रहा है। इसमें खासकर दक्षिणी हरियाणा के युवाओं का जज्बा देखते ही बनता था। मगर केंद्र सरकार द्वारा सेना में स्थाई भर्ती की बजाए अग्निपथ योजना आने के बाद से प्रदेश में भारतीय सेना में जाने को लेकर युवाओं के बीच आकर्षण अब कम होता जा रहा है। वहीं उत्तर पश्चिमी हरियाणा के कुछ जिलों जींद, हिसार आदि जिलों के युवा 4 साल की सेना की सेवा के बजाय अब विदेश जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। दूसरी ओर भिवानी व दादरी जिले में फौजियों के क्षेत्र के नाम से पहचान बनाने वाले इन जिलों से बड़ी संख्या में युवक सेना में जाते रहे हैं, लेकिन पिछले 2 सालों में यहां की तस्वीर बिल्कुल बदलती जा रही है।
तैयारी करने वाले युवकों की संख्या में आई भारी कमी
यही कारण है कि अग्निवीर भर्ती के चलते अब इन दोनों ही जिलों में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या में भारी कमी साफ देखी जा सकती है। इस बारे में दोनों जिलों के युवाओं की अग्निवीर को लेकर दर्द छलककर सामने आया है और उन्होंने सरकार से भर्ती नियमों में बदलाव की मांग उठाई है।
दूसरी ओर पिछले दिनों संसद में राहुल गांधी द्वारा अग्निवीर भर्ती योजना को लेकर मुद्दा उठाया तो फिर से अग्निवीर भर्ती में बदलाव को लेकर मांग उठने लगी है। इस बारे में दोनों जिलों के खेल मैदानों में अग्निवीर भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं का कहना है कि वे तैयारी जरूर कर रहे हैं, लेकिन ये सोचकर कि शायद भर्ती नियमों में बदलाव हो जाए।
4 साल बाद कैसे चलेगा घर
इस बारे में इन जिलों के युवकों कर्मबीर, राकेश कुमार, अमित आदिन का कहना है कि सेना में अग्निवीर योजना लागू होने के बाद उनको अपने भविष्य को लेकर चिंता है कि नौकरी के 4 साल खत्म होने के बाद उनका घर कैसे चलेगा। उन्होंने बताया कि जब उन्हें आर्थिक सुरक्षा ही नहीं मिलेगी तो ऐसी 4 सासल नौकरी करने का क्या फायदा है। इसलिए अगर नौकरी के पहले ही उन्हें रिटायरमेंट की चिंता करनी पड़ेगी तो देश की सेवा कैसे कर सकेंगे।
इस बारे में इन जिलों की युवतियों ने बताया कि उनकी भी सेना में जाने की इच्छा थी, लेकिन अग्निवीर भर्ती योजना से उनका यह सपना टूट गया है। इस बारे में युवतियों ने कहा कि संसद में नेता लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें युवाओं की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मामले में राहुल गांधी ने संसद में मुद्दा उठाया है तो अग्निवीर भर्ती का दायरा बढऩे की आशा दिखाई दे रही है। इस बारे में युवाओं ने सरकार से मांग करते हुए कह कि अग्निवीर भर्ती योजना को सेना भर्ती की तर्ज पर सुविधाएं मिलनी चाहिएं, ताकि देश के युवाओं में सेना में जाकर देश भक्ति का जज्बा बरकरार रहे। इस बारे में एक कोच ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अग्निवीर भर्ती योजना शुरू होने के बाद से युवाओं का सेना के प्रतिजोश कम हो गया है। इसलिए अब जिले के युवा दूसरी नौकरियों की ओर रूख कर रहे हैं। इसलिए युवाओं के हितों को ध्यान में राते हुए सरकार को अग्निवीर भर्ती के नियमों में बदलाव करना चाहिए ताकि युवाओं में देश सेवा का जज्बा बढ़ सके।