(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। गांव नांधा निवासी नितेश कुमार ने पेरिस पैरा औलंपिक 2024 के बेडमिंटन मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतकर देश को गोल्ड मैडल दिलवाया वहीं उनके जीवन पर प्रकाश डाला जाए तो बिरले ही युवा ऐसे मिलते हैं जो बड़ी से बड़ी घटना के बाद रास्ता छोडऩे की बजाए उसी में अपना भविष्य खोजकर इतिहास रचते हैं। नितेश ने विश्व के सबसे बड़े गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर हिंदुस्तान का नाम व राष्ट्रीय गान की धुन विश्वभर में गुंजाने का काम कर सबका दिल जीत लिया है।
फुटबाल की लग्र को बेडमिंटन में आजमा कर पैरा औलंपिक का सिरमौर बना नितेश
नितेश कुमार चौथी कक्षा से अपने गांव नांधा से अपने पिता विजेन्द्र सिंह नौसेनिक के साथ विशाखापटट्नम में चले गए जहां पर उन्होंने केन्द्रिय विद्यालय में दाखिला ले लिया। नितेश की बाल्यकाल से ही पढाई के साथ साथ खेलों में विशेष रुचि रही और फुटबाल उनका मनपसंद गेम्स था। नौंवी कक्षा में सुबह व शाम को स्कूल के बाद वह पांच किलोमीटर दूर स्टेडियम जाकर तैयारी करता था लेकिन आवागमन के दौरान रेल की पटरियों व प्लेटफार्म के मध्य पैर फंसने से घटित हादसे में उन्होंने अपना पैर खो दिया। इस घटना के बाद एक बार तो उनके चेहरे पर मायूसी आ गई क्योंकी उसका फुटबाल का मैच खेलने का सपना खत्म हो गया लेकिन भगवान एक रास्ता तो चार रास्ते नए खोलता है।
उनके पिता विजेन्द्र सिंह ने नितेश की उदासी को दूर करते हुए पहले स्कूली शिक्षा पूरी करने की नसीहत देते हुए फिर जल्द ही उसका ध्यान बेडमिंटन की तरफ कर दिया। इसके बाद तो नितेश ने पीछे मुडक़र नहीं देखा और पैरा बेडमिंटन में लगातार राष्ट्रीय अंतराराष्ट्रीय स्तर के लगभग सौ पदक जिनमें 54 से अधिक केवल गोल्ड मैडल जीतकर पेरिस 2024 के पैरा औलंपिक खेलों में क्वालीफाई किया और जिस पदक के लिए सारा राष्ट्र बेसब्री से इंतजार कर रहा है उन्होंने सोमवार को विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत को विजयी बनाकर खेल प्रेमियों का दिल बाग-बाग कर दिया। पेरिस खेल मैदान में जब भारतीय राष्ट्र गान की धुन बजी और मैदान पर तिरंगा ध्वजा फहराया तो विश्व भर के खेल प्रेमियों व खिलाडिय़ों का माथा गर्व से चौड़ा हो गया है। उनके पिता विजेन्द्र सिंह जो जयपुर में थे उन्होंने अपने बड़े भाई भाभाी से बात कर बधाई दी। सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्योराण काकड़ौली, सरपंच सुरेश धनासरी, ठेकेदार मंजीत नांधा, जजपा मिडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह हुई, प्रेरक संघ अध्यक्ष विनोद मांढी, डा. मांगेराम श्योराण, ऋषि भांडवा इत्यादि ने कस्बे के जुई रोड़ स्थित कार्यालय में लड्डू बांटकर खुशी प्रकट की है। उन्होंने कहा कि विनेश लुहाच के पैतृक गांव नांधा लौटने पर भव्य स्वागत किया जाएगा।