(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। गांव हड़ौदी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत स्टाफ द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने व दवाएं देने में आनाकानी करने के विरोध में ग्रामीणों ने पीएचसी परिसर में ही धरना शुरु कर दिया।
ग्रामीणों के रोष प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी तेजपाल व चरखी दादरी वरिष्ठ चिकित्सक डा. अभिमन्यु द्वारा स्टाफ के व्यवहार में सुधार करने व भविष्य में ऐसी कोई हरकत न होने पर ग्रामीणों ने धरना खत्म किया। गांव हड़ौदी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जिला पार्षद सुनील हड़ौदी ने कहा कि अभी प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है और हालात में सुधार नहीं किया गया तो छह गांवों का बड़ा आंदोलन श्ुारु किया जाएगा।
सरपंच सुनील श्योराण] जिला पार्षद इंजीनियर सुनील हड़ौदी, समुंद्र सिंह, राजकुमार, कमल सिंह हड़ौदी इत्यादि सैंकड़ों ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से गांव में पीएचसी का निर्माण करवाया था और क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों को बिमारी के दौरान चिकित्सा सुविधा व आपातकालीन स्थिति में आमजन को स्वास्थ्य सुविधा नसीब हो रही है लेकिन कुछ समय से स्टाफ बहत मनमानी करता है और ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को जानबूझ कर बड़े शहरों में जाकर महंगे भाव पर निजि चिकित्सकों से ईलाज करवाना पड़ रहा है। यहां की चिकित्सका की कार्यशैली बहुत अच्छी है लेकिन विभाग का स्टाफ बहुत बुरा बर्ताव कर रहा है।
आज मजबूरीवश ग्रामीणों को पीएचसी में कार्यरत स्टाफ नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने व चिकित्सक द्वारा दवाए लिखने पर भी दवाएं देने में आनाकानी करने के विरोध में उतरना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विपभाग द्वारा सुध न लेने पर खुब्ध ग्रामीणों ने पीएचसी परिसर में ही धरना देकर रोष प्रदर्शन शुरु कर दिया। ग्रामीणों के रोष प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही डीएसपी भारत भूषण, थाना प्रभारी बाढड़ा की अगुवाई में पुलिस स्टेशन बाढड़ा व अटेला पुलिस चौकी से भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और बाद में वरिष्ठ चिकित्सक डा. अभिमन्यु द्वारा सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मरीजों व उनके साथ आने वाले आमजन के साथ अच्छा व्यवहार करने व विभाग द्वारा आपूर्ति की गई दवाओं को चिकित्सक के आदेश पर निर्धारित मात्रा में उपलब्ध करवाने का दिशानिर्देश दिया। डा. अभिमन्यु द्वारा एक सप्ताह में कर्मियों की कार्यशैली में बदलाव लाने के भरोसे पर ग्रामीणों ने धरना खत्म करने का फैसला लिया।