(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। शक्ति, दिव्यता व सत्यता की मिसाल थी ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका डा. दादी हृदयमोहिनी व संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी चंद्रमणि थी। यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में उनके पुण्य स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने व्यक्त किए। दादी हृदयमोहिनी के स्मृति दिवस को विश्व भर में दिव्यता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
आपका दिव्य और तेजस्वी चेहरा रुहानियत से भरपूर था
गौरतलब है कि 11 मार्च 2021 को ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी का देवलोकगमन हो गया था। दादी 93 वर्ष की थीं और मात्र 9 वर्ष की आयु में ही संस्थान से जुड़ गई हैं। उनको बचपन से दिव्य दृष्टि का वरदान प्राप्त था। वर्ष 1969 में संस्थान के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि की शक्ति से लाखों भाई-बहनों का परमात्म संदेश सुनाकर संदेशवाहक की भूमिका निभाई। उनको सभी प्यार से दादी गुलजार भी कहते थे। दादी के योग-तपस्या का ही कमाल था कि आपके संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आपकी तपस्या की दिव्य अनुभूति होती थी। आपका दिव्य और तेजस्वी चेहरा रुहानियत से भरपूर था।
विश्व के कई देशों में जाकर दादी जी ने आध्यात्मिकता का संदेश दिया नॉर्थ उड़ीसा विश्वविद्यालय ने 2017 में डॉक्टर आफ लिटरेचर की उपाधि से विभूषित किया
ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने दादी चंद्रमणि जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की दादी जी पवित्रता की धनी मर्यादाओं में अटल विपरीत परिस्थितियों में भी अचल अडोल निर्भीक शेरे पंजाब थी। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रितु बहन ने कहा कि दादी जी हमेशा तीन बजे ब्रह्ममुहूर्त में उठ जाती थीं। इसके साथ ही उनकी दिनचर्या की शुरुआत साधना के साथ होती थी। यहां तक कि चलते-फिरते, खाते-पीते ईश्वर के ध्यान में मग्न रहतीं। ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा कि दादी जी को दिव्य दृष्टि का वरदान था 1969 से 2016 तक परमात्मा के संदेश वालों की निभाई भूमिका। उन्होंने कहा की विश्व के कई देशों में जाकर दादी जी ने आध्यात्मिकता का संदेश दिया नॉर्थ उड़ीसा विश्वविद्यालय ने 2017 में डॉक्टर आफ लिटरेचर की उपाधि से विभूषित किया।
ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा की दादियों ने जो त्याग, तपस्या, सेवा व मानवीय मूल्यों का पाठ विश्व को पढ़ाया उनकी शिक्षाओं को हम जीवन में धारण कर आगे बढ़ाएंगे यही उनके लिए सच्ची सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ज्योति, रितु, अनुज, सूबेदार रोहताश सांगवान, दीपक सहित सभी ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने दादी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
Charkhi Dadri News : उल्लास कार्यक्रम के माध्यम से निरक्षरों को किया जायेगा साक्षर