(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। सर्वहित साधना न्यास के तत्वावधान में आज कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पांडवान गांव में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। इस अवसर पर सर्वहित साधना न्यास के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद ने बताया कि वृक्षारोपण एक यज्ञीय कार्य है। कृष्ण जी महाराज वेदों के विद्वान, यज्ञप्रेमी थे। उन्होंने कहा कि पूरे महाभारत में श्री कृष्ण के चरित्र में कोई दोष नहीं मिलता एवं वे आप्त पुरुष थे। उन्होंने श्री कृष्ण जी को महान विद्वान, सदाचारी, कुशल राजनीतीज्ञ एवं सर्वथा निष्कलंक बताया।
उन्होंने कहा कि महाभारत के अनुसार श्री कृष्ण जी की केवल एक ही पत्नी थी जो की रुक्मणी थी, उनकी 2 या 3 या 16000 पत्नियाँ होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। रुक्मणी से विवाह के पश्चात श्री कृष्ण रुक्मणी के साथ बदरिक आश्रम चले गए और 12 वर्ष तक तप एवं ब्रहमचर्य का पालन करने के पश्चात उनका एक पुत्र हुआ। जिसका नाम प्रदुमन था। यह श्री कृष्ण के चरित्र के साथ अन्याय हैं कि उनका नाम 16000 गोपियों के साथ जोड़ा जाता हैं। महाभारत के श्री कृष्ण जैसा अलोकिक पुरुष, जिसे कोई पाप नहीं किया हो और जिस जैसा इस पूरी पृथ्वी पर कभी-कभी जन्म लेता हैं। पांड्वो द्वारा जब राजसूय यज्ञ किया गया तो श्री कृष्ण जी महाराज को यज्ञ का सर्वप्रथम अर्घ प्रदान करने के लिए सबसे ज्यादा उपर्युक्त समझा गया जबकि वहां पर अनेक ऋषि, मुनि , साधू, महात्मा आदि उपस्थित थे। वहीं श्री कृष्ण जी महाराज की श्रेष्ठता समझे की उन्होंने सभी आगंतुक अतिथियों के धुल भरे पैर धोने का कार्यभार लिया। श्री कृष्ण जी महाराज को सबसे बड़ा कूटनितिज्ञ भी इसीलिए कहा जाता हैं क्यूंकि उन्होंने बिना हथियार उठाये न केवल दुष्ट कौरव सेना का नाश कर दिया बल्कि धर्म की राह पर चल रहे पांडवो को विजय भी दिलवाई। इस अवसर पर सुरेंद्र आर्य चंदेनी, अनिल, अनुराग गुप्ता, मोक्ष आर्य, जतिन आदि उपस्थिति रही।