Charkhi Dadri News : कादमा किसान गोली कांड की बरसी आज

0
194
Today is the anniversary of Kadma farmer shooting incident.
गांव कादमा का बलिदानी स्मारक स्थल।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। 23 अगस्त को कादमा किसान गोली कांड की 30 वीं बरसी पर कादमा के बलिदानी स्मारक व कालेज परिसर में भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए किसान नेताओं ने क्षेत्र में सघन जनसंपर्क अभियान छेडे हुए है। लेकिन इसे चाहे किसानों की उपेक्षा कहें या समय का दौर कभी तात्कालीन भजनलाल को सत्ता से बेदखले करने वाले आंदोलन के गढ कादमा के किसान आज भी अपने पांच साथ्यिों को खोने व तीन दर्जन को दिव्यंगता का शिकार बनाने के बाद भी 30 साल बाद भी बिजली पानी जैसी मुलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं।

सांसद धर्मबीर सिंह।

वर्ष 1995 में गांव कादमा क्षेत्र के किसानों के जले हुए ट्रांसफार्मरों को न बदलने व बिजली के बिलों को लेकर तात्कालीन सरकार में ठन गई और 23 अगस्त को ग्रामीणों व पुलिस में सीधा टकराव हुआ तो भयंकर विवाद पैदा हो गया और पुलिस गोली से जहां आधा दर्जन किसान शहीद हो गए वहीं किसानों एवं पुलिस के हमले में दोनों पक्ष के सैकड़ों पुलिसकर्मी दिव्यांगात के शिकार बन गए। इस घटना की आग पूरे देश में फैली और अगले ही दिन पीडि़त किसानों से मिलने मौके पर पहुंचे पूर्व पीएम चरणसिंह, डिप्टी पीएम देवीलाल, पूर्व सीएम व हविपा सुप्रीमो बंसीलाल, सुरेन्द्र सिंह, अजीत सिंह, महेन्द्र सिंह टिकैत, घासीराम नैन समेत देश के कोने कोने से किसान नेताओं का जमावड़ा लग गया और उसके बाद देश भर में कांग्रेस के लिए यह आंदोलन दबाना मुश्किल हो गया और उसका खामियाजा पार्टी का इस कदर भुगतना पड़ा कि अगले ही वर्ष हुए विस चुनाव में कांग्रेस सरकार को विदा होना पड़ा।

उस समय की हविपा भाजपा पार्टी ने इस मुद्दे को खूब उछाला तो वह तात्कालीन देवीलाल की पार्टी व सत्तासीन कांग्रेस को पछाडक़र बंसीलाल को मुख्यमंत्री बनाने में कामयाब रही लेकिन उसके बाद से 29 वर्ष के लंबे अरसे के बाद 1996 से 1999 तक बंसीलाल, ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के दस वर्ष व अब लगातार 10 साल गुजरने के बाद भी कादमा क्षेत्र हर मामले में पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है। वर्ष 2005 में तात्कालीन मुख्य संदीय सचिव धर्मबीर सिंह के प्रयासों से सभी बलिदानियों व घायलों की सुध लेकर स्वजनों को नौकरी व कमेटी के सहयोग से उनका बलिदान स्मारक निर्मित करवाया गया लेकिन उसके बाद इन बलिदानियों व इनकी मुलभूत समस्याओं को फिर भुला दिया गया। दादरी व नारनौल जिलों की सीमा वाले रेतीले इलाके में भूमिगत जलस्तर में गिरावट की समस्या से जूझ रहे क्षेत्र को सरकार की तरफ से उपेक्षा ही झेलनी पड़ रही है। इस क्षेत्र के किसानों को अपनी फसलों व फल, सब्जी की बिक्री के लिए भिवानी, दादरी व महेन्द्रगढ की मंडियों में जाना पड़ रहा है। लंबे समय से अपनी उपेक्षा झेल रहे किसानों को अब भी बिजली पानी, रोजगार के लिए दर दर भटकने के बाद आंदोलन चलाना ही मजबूरी बन गया है। 23 अगस्त के श्रद्धासुमन कार्यक्रम व रक्तदान शिविर को लेकर आयोजक कमेटी के सदस्यों ने गांव गांव में जनसपंर्क अभियान चलाया हुआ है। कार्यक्रम में समाजसेवी सेामबीर घसौला मुख्यातिथि व जिला पार्षद अशोक थालोर विशिष्ट अतिथि के तौर पर भागीदारी करेंगे।

किसान को केवल वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया

भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा, हरीराम पहलवान कादमा, सुरेश प्रधान ने कहा कि किसान दिनरात गर्मी सर्दी की परवाह किए बिना अनाज पैदा कर दुनिया का पेट भरता है लेकिन राजनैतिक दल केवल उनको वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कादमा व साथ लगते मंढियाली में दो बार किसान आंदोलन हुए लेकिन बार बार बदलाव के बावजूद किसी सरकार ने यहां पर बिजली पानी, फल, सब्जियों के भाव नहीं मिलने से आर्थिक बुरे दिन से जूझने को मजबूर हैं। कृषि बाहुल्य क्षेत्र के किसानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं आंकना चाहिए बल्कि उनके बलिदान को देखते हुए यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।

पूर्व संसदीय सचिव रणसिंह मान।

कैसे बनेगा किसान आत्मनिर्भर, कारपोरेट वर्ग हावि

कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि भाजपा की स्थापना से लेकर अब तक एक भी किसान हितैषी नीति लागू नहीं कर पाई उल्टे कारपोरेट घरानों को ज्यादा महत्व दिया गया है। कांग्रेस सरकार में किसानों को स्लैब प्रणाली, बकाया ऋण ब्याजमाफी समेत अनेक योजनाओं से लाभाविंत किया गया लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने उल्टे नई नई शर्ते थोपकर बिजली मीटरों में बिल वृद्धि, सहकारी ऋणों पर ब्याज व टारेल दरों में ईजाफा समेत अनेक नए कानूनों से किसानों की कमर तोडऩे का काम किया। इनेलो जिलाध्यक्ष विजय पंचगावां ने कहा कि भाजपा व जजपा सरकार के शासन की गलत नीतियों से हर पांच गावं परधरने चल रहे हैं और किसानों का हो रहा उत्पीडऩ बहुत दुखदायी है। जनता अब केवल एक बात ही याद कर रही है कि इस क्षेत्र का भला केवल पूर्व सीएम ओपी चौटाला ही कर सकते हैं।

इस क्षेत्र में पांच सौ करोड़ का प्रोजेक्ट संचालित

भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि कादमा किसान कांड के बाद वर्ष 2005 में आते ही उन्होंने पहली कलम से बकाया सौलह सौ करोड़ के बिजली बिल, सहकारी ऋणों की माफी, कादमा, मंढियाली किसान कांड के बलिदानियों के स्वजनों को रोजगार के अलावा दिव्यांगों की भी सुध ली गई। इस क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर को बढाने के लिए गुजरने वाली आधा दर्जन नहरों की ईंट की बजाए सीमेंट पेटर्न पर तैयार करने, चालीस साल पुराने पंपहाऊसों व उनके उपकरणों का नवीनीकरण के अलावा अकेले नहरी सिंचाई के प्रोजेक्टों पर लगभग पांच सौ करोड़ की योजनाओं पर काम चल रहा है। वह बलिदानी किसानों के परिवारों के साथ खड़े हैं।