- सीजन जिले की मंडियों में लगभग 4 लाख क्विंटल बाजरे की आवक हो चुकी है
(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। हरियाणा के चरखी दादरी जिले में इस खरीफ सीजन में बाजरे की फसल की बंपर पैदावार हुई है। इस सीजन जिले की मंडियों में लगभग 4 लाख क्विंटल बाजरे की आवक हो चुकी है और करीब 20 दिनों तक मंडी चलनी है। जिसके चलते इस सीजन जिले की मंडियों मे बीते सीजन की अपेक्षा अधिक बाजरा पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
बाजरे के अच्छे उत्पादन और सरकारी खरीद पर भाव भी ठीक होने पर किसानों में खुशी है।
बता दें कि चरखी दादरी जिले के बाढड़़ा, कादमा और झोझू कलां आदि स्थानों पर जलवायु राजस्थान से मिलती जुलती है। यह जलवायु और रेतीली मिट्टी बाजरे की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है और इस क्षेत्र में खरीफ सीजन के दौरान ग्वार और कपास के साथ बाजरे की खेती काफी अधिक क्षेत्र में की जाती है। इस मानसून सीजन बारिश अच्छी होने के चलते बाजरे का उत्पादन अच्छा-खासा हुआ है। जिले की मंडियों में बाजरे की बंपर आवक हो रही है। जिले में बीते सीजन 3 लाख 70 हजार क्विंटल बाजरे की सरकारी खरीद की गई थी।
बीते सीजन हुई थी 3.70 लाख क्विंटल बाजरे की खरीद
चरखी दादरी मार्केट कमेटी सहायक सचिव विकास कुमार ने बताया कि चरखी दादरी जिले में बीते सीजन करीब 3 लाख 70 हजार क्विंटल बाजरा की खरीद की गई थी। जबकि इस सीजन अभी तक 3 लाख 15 हजार क्विंटल से अधिक बाजरा खरीद हो चुकी है और जो निर्देश मिले हैं, उसके अनुसार आगामी 15 नवंबर तक जिले की मंडियों में बाजरे की खरीद होनी है।
मौसम रहा है अनुकूल : कृषि अधिकारी
चरखी दादरी कृषि विभाग कार्यालय में कार्यरत कृषि अधिकारी डॉ. चंद्रभान श्योराण ने बताया कि इस खरीफ सीजन मेरी फसल ब्योरा पोर्टल पर किसानों द्वारा करीब 1 लाख 15 हजार एकड़ एरिया पंजीकृत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि बीते सीजन भी जिले में बाजरे का अच्छा उत्पादन हुआ था और इस सीजन भी मौसम बाजरे के अनुकूल होने और समय पर बारिश होने के कारण बाजरे का अच्छा उत्पादन हुआ है। कृषि अधिकारी ने बताया कि इस सीजन औसत पैदावार की बात की जाए तो कपास उत्पादन घटा है। जबकि बाजरे का बढ़ा है। इस सीजन बाजरे की औसत पैदावार करीब 15 मण प्रति एकड़ है।
अधिक बारिश से कुछ स्थानों पर हुआ नुकसान
मानसून सीजन के दौरान अच्छी बारिश होने के कारण जिले के कुछ स्थानों पर जलभराव होने के कारण बाजरे की फसल में नुकसान भी हुआ है। जब बाजरे की फसल पकने की कगार पर पहुंची उस दौरान खेतों में जलभराव होने के कारण आदमपुर के आसपास के गांव और बौंद कलां क्षेत्र में नुकसान देखने को मिला, अन्यथा जिले में बाजरे का उत्पादन और भी अधिक हो सकता था।
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