- धारणी वालीबाल मुकाबले में चांदवास बनी विजेता
(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। गांव कारी धारणी के खेल मैदान में संचालित तीन दिवसीय वालीबाल खेल महाकुंभ का फाईनल का मुकाबला कुरुक्षेत्रा व चांदवास के मध्य आयोजित हुआ जिसमें चांदवास की टीम विजेता बनी। विजेता टीम खिलाडिय़ों को मुख्यातिथि पंचायत समिति चेयरमैन आनंद फौजी व विजय श्योराण काकड़ौली ने सम्मानित किया।
आज ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के बल पर इस पिछड़े क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं
कारी धारणी खेल परिसर में सरपंच प्रतिनिधि मंदरुप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित वालीबाल खेल स्पर्धा में तीन दिन तक अनेक राज्यों की टीमों ने भागीदारी की। फाईनल मुकाबले में चांदवास स्टेडियम की टीम ने कुरुक्षेत्रा की टीम को कड़े मुकाबले में 5 अंकों से मात देकर विजेता ट्राफी हासिल की। विजेता टीमों को सम्मानित करते हुए मुख्यातिथि पंचायत समिति चेयरमैन आनंद फौजी व इनेसो अध्यक्ष विजय श्योराण काकड़ौली ने ने कहा कि खेलकूद मानव जीवन का अभिन्न अंग होना जरुरी है। आज खेलों से शारीरिक, मानसिक लाभ ही नहीं बल्कि रोजगार के क्षेत्र में भी अनेक नए रास्ते खुल रहे हैं। आज ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के बल पर इस पिछड़े क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं।
खेल समापन कार्यक्रम में परिषद चेयरमैन मंदीप डालावास ने खेल सुविधाओं के लिए 11 लाख व पंचायत समिति चेयरमैन आनंद फौजी ने शेड् निर्माण की घोषणा की। कार्यक्रम में लोहारु के एसडीएम मनोज दलाल, जिला परिषद चेयरमैन मंदीप डालावास, जिला पार्षद व भाजपा पिछड़ा वर्ग जिलाध्यक्ष इंजीनियर सुनील हड़ौदी, सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर सिंह, पूर्व सरपंच मंदरुप, रणधीर सिंह, दलबीर सिंह, संदीप सांगवान, पूर्व बीडीसी हनुमान सिंह दलाल, देशराम, राजेश कुमार, कप्तान कुरड़ाराम, गंगादत, ओमप्रकाश, राजबीर जांगड़ा इत्यादि मौजूद रहे।
स्वामी दयानंद के बताए मार्ग पर चले युवा पीढी
लोहारु के एसडीएम मनोज दलाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को पश्चिमी सभ्यता को न अपना स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती के बताए मार्ग पर चलकर नैतिक मूल्यों के समाज के गठन मे सहयोग करना चाहिए। आज युवा मोबाईल, नशीले पदार्थो की तरफ तेजी से प्रभावित हो रहे हैं जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। प्रत्येक युवा को आज के चरित्र निर्माण व योग शिविर का अपने आसपास के गांवों में भी प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है।
खिलाडिय़ों व युवाओं को नशे का विरोध करने का संकल्प दिलवाते हुए उन्होंने बच्चों को अच्छाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा करते हुए कहा कि अच्छाई में संयम एवं सदाचार का आश्रय ही उसकी विजय सुनिश्चित करता है। अच्छाई एक शांत नदी की तरह होती है, जो ना केवल प्यास बुझाती है अपितु जीवन के सृजन में मूल तत्व की भूमिका का निर्वाह भी करती है। निश्चित ही जीवन में अच्छाई होगी तो वह एक दिन सृजन का रूप अवश्य ले लेगी। अच्छाई ही वो सीढ़ी है जो आपको किसी के हृदय तक पहुंचा देती है। अच्छाई में जीवन जीना, सच्चाई में जीवन जीना ही है।
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