Charkhi Dadri News : गांव के विद्यार्थियों को पांच से दस किलोमीटर दूरी के दूसरे गांवों के स्कूलों में जाने से मिली निजात

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The students of the village got relief from going to schools in other villages at a distance of five to ten kilometers.
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय काकड़ौली हुक्मी तथा कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को को एजुकेशन में शामिल करने पर सामाजिक कार्यकर्ता ओमधारा का अभिनंदन करते ग्रामीण।  

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। स्कूली शिक्षा विभाग निदेशालय ने विशेष आदेश पत्र जारी कर गांव काकड़ौली हुक्मी के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को को एजुकेशन में शामिल कर अब लडक़ों के दाखिले का हरी झंडी दे दी है जिससे ग्रामीणों, विद्यार्थियों व अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इससे अब गांव के लडक़ों को भी आठवी कक्षा के बाद चार से दस किलेामीटर दूसरे गांवों के स्कूलों में जाने से निजात मिलेगी है जिस पर उन्होंने इस काम में जुटी कमेटी पदाधिकारियों का स्वागत किया।

श्योराण खाप के बड़े गांवों में शुमार काकड़ौली हुक्मी में मौजूदा समय में लड़कियों के लिए 12 वीं कक्षा तक का स्कूल है लेकिन लडक़ों को आज भी माध्यमिक कक्षा के बाद दसवीं या बारहवीं कक्षा तक की पढाई के लिए चार किलेामीटर काकड़ौली सरदारा या द्वारका व दस किलोमीटर बाढड़ा जाना पड़ रहा है।

लड़कियों के स्कूल के लिए भी गांव के मौजिज ग्रामीणों ने 1987 में बीड़ा उएठाया तो तात्कालीन सीएम देवीलाल के आगमन पर मेचिंग ग्रांट से लड़कियों के लिए आठवीं कक्षा तक के स्कूल संचालन की स्वीकृति मिली और वर्ष 1996 में सांसद सुरेन्द्र सिंह के प्रयासों से यहां पर दसवीं कक्षा तक की कक्षाएं लगाने का आदेश जारी हो पाया। ग्रामीणों व सरकार के सहयोग से दस एकड़ में फैले परिसर में बड़ा भवन भी निर्मित किया गया और गांव की ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ओमधारा के प्रयासों के चलते वर्ष 2003 में यहां पर बारहवीं कक्षा तक की कक्षाओं की मंजूरी मिली।

उपमंडल क्षेत्र के एकमात्र लड़कियों के लिए संचालित संस्था का गांव की लड़कियों को बहुत लाभ मिला लेकिन
पिछले वर्ष छात्राओं की संख्या में कमी के कारण शिक्षा विभाग ने बार बार छात्रा संख्या बढाने या दर्जा कम करने की चेतावनी दी जिस परसामाजिक कार्यकर्ता ओमधारा, सरपंच रमेश कुमार, पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा, मांगेराम, मानबीर नंबरदार इत्यादि ने पहले तो गांव में निजि स्कूलों में जाने वाली छात्राओं का गांव के ही सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया। कमेटी सदस्यों ने गांव के बच्चों की संख्या को देखते हुए व उनको आठवीं कक्षा के बाद पांच से दस किलोमीटर दूसरे गांवों में जाने की समस्या को देखते हुए इसको अकेले लड़कियों की बजाए को एजुकेशन में तब्दील करने की मुहिम शुरु करते हुए ग्राम पंचायत का प्रस्ताव उपायुक्त व विधायक नैना चौटाला को दिया तथा विधायक व शिक्षा विभाग की कमेटी की चार बार की बैठकों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी अनुपमा के आदेश पर प्रदेश सरकार के शिक्षा निदेशालय ने आखिरकार गांव काकड़ौली हुक्मी के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को को एजुकेशन में शामिल कर अब लडक़ों के दाखिले का फैसला ले ही लिया है।

शिक्षा विभाग के इस फैसलें से ग्रामीणों, विद्यार्थियों व अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रामीण अभिभावकों ने बताया कि सरकार के फैसलें से अब गांव के लडक़ों को भी आठवी कक्षा के बाद चार से दस किलेामीटर दूसरे गांवों के स्कूलों में जाने की परेशानी खत्म हो गई है। स्कूल प्रबंधन कमेटी व ग्राम पंचायत ने लंबे समय से इस काम में जुटी कमेटी पदाधिकारियों का फूल मालाओं से स्वागत किया।

नैना चौटाला के प्रयासों से ग्रामीणों को मिला लाभ: ओमधारा

जजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ओमधारा श्योराण ने कहा कि गांव काकड़ौली हुक्मी प्रदेश में इतनी बड़ी आबादी का अकेला ऐसा गांव है जिसमें सरकारी स्कूल होते हुए लडक़ों को आठवीं कक्षा के बाद आगे की पढाई के लिए चार से दस किलेामीटर जाना पड़ता रहा है। विधायक नैना चौटाला व तात्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला को बार बार  सारी समस्या से अवगत करवाया तो  उन्होंने अथक प्रयासों से उनके गांव के गांव काकड़ौली हुक्मी के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को को-एजुकेशन में शामिल करवा कर सराहनीय काम करते हुए इस गांव के युवा विद्यार्थियों को बड़ी सौगात दी है। ग्रामीण ब्राह्मण नेता सीताराम शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि रमेश कुमार, पूर्व सरपंच मांगेराम, डा. राजदीप, देवराज शर्मा, मानबीर नंबरदार, अनिल मोटू, सूबेदार गजेसिंह, दिनेश, अजीत कुमार इत्यादि ने खुशी प्रकट की।