Charkhi Dadri News : डीएपी की कमी से खरीफ सीजन की फसलों की बिजाई में देरी के हालात से अन्नदाता के होश उड़े

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The farmers were shocked by the delay in sowing of Kharif season crops due to shortage of DAP
कस्बे के सहकारी समिति की फोटो।
  • डीएपी आपूर्ति में देरी से हजारों एकड़ सिंचित रकबा सूखने की कगार पर, किसानों में रोष

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। बाढड़ा उपमंडल के रेतीले क्षेत्र में खरीफ सीजन की फसल कटाई के साथ ही रबी सीजन की फसलों की सिंचाई कार्य सहित अन्य तैयारियां युद्धस्तर पर शुरु तो हो गई लेकिन डीएपी की आपूर्ति न होने से सरसों की बिजाई के सिंचित की भूमि तैयार हो कर अब सुखने की कगार पर है जिससे किसानों में रोष बना हुआ है। कृषि विभाग ने क्षेत्र में पांच हजार एनपीके के बैग व पांच हजार डीएपी बैग तो शाम तक पहुंचने की संभावना है लेकिन अकेले दादरी जिले को एक सप्ताह के दौरान कम से कम अस्सी हजार डीएपी बैगों की जरुरत है लेकिन और जरूरत आपूर्ति नहीं होने की संभावना ने किसान व सरकार दोनों के लिए परेशानी पैदा कर दी है।

किसानों में अपनी फसल पहले बोने के लिए जल्दी से जल्दी बिजाई के लिए किसानों का हुजूम सहकारी समिति व निजि खाद बीज केन्द्रों के बाहर चक्कर लगा रहा है वहीं बिक्री अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। सांसद धर्मबीर सिंह व विधायक उमेद पातुवास ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर सभी सहकारी समितियों व निजि खाद बीज केन्द्रों पर डीएपी की अतिरिक्त आपूर्ति बढाने की मांग की है।

प्रदेश के दक्षिणी हरियाणा के रेतीले उपमंडल क्षेत्र में लगातार चल रहे डीएपी संकट से रबी सीजन की सरसों बिजाई में भी देरी होने की संभावना ने किसानों की नींद उड़ गई है। क्षेत्र में सरसों व गेहूं की फसल बिजाई के साथ ही डीएपी की बिजाई की जाती है किसानों को उम्मीद है कि इससे फसल के पूरे सीजन मिट्टी में शीतलता बनी रहती है जिसके काररण दक्षिणी क्षेत्र में रबी सीजन के साथ ही आपूर्ति के साथ ही संकट भी शुरु हो जाता है।

पिछले एक माह से जल्द सुधार होने व आपूर्ति आने के आश्वासन पर टिके किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है और किसान अब बार बार चक्कर लगाने के बाद खाली हाथ रहने को मजबूर है। जिला प्रशासन व कृषि विभाग के गहरी नींद सोने से किसानों में अपनी फसलों को बिजाई में ही यह हालात है तो आगामी सीजनभर कैसे परिणाम रहेगा इस पर संशय बना हुआ है। सांसद धर्मबीर सिंह व विधायक उमेद पातुवास ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इनके अलावा पैक्स नांधा, धनासरी, कारी धारणी, चांदवास समेत सभी सहकारी समितियों व निजि खाद बीज केन्द्रों पर डीएपी की अतिरिक्त आपूर्ति बढाने की मांग की है।

सरसों के लिए सबसे उपयुक्त समय

उपमंडल क्षेत्र में अक्टूबर का प्रथम सप्ताह से ही सरसों की बिजाई जल्दी शुरु हो जाती है क्योंकी बाजरा कटाई के बाद भूमि की सिंचाई होने से किसानों में सर्दी के ज्यादा आगमन से पहले ही अपनी फसल को बोने की होड़ मच जाती है। इस समय बोई गई फसल अप्रैल माह की तेज गर्मी से पहले पकने की उम्मीदें बंध जाती हैं वहीं देरी से बोई गई फसलों पर अंतिम समय में गर्मी की मार ज्यादा सहनी पड़ती है। मौजूदा खरीफ सीजन में पहले सूखे की चपेट व फिर उम्मीद से अधिक वर्षा होने से ग्वार, बाजरा व कपास की फसलों के उत्पादन में साठ फिसदी गिरावट होने की शंका है। अब किसानों में रबी सीजन कृषि की सरसों व गेहूं की फसलों की उम्मीद टिकी है क्योंकी पहली बार डीएपी की इतने बड़े स्तर पर किल्लत हुई है।

प्रदेश सरकार सितंबर माह के अंतिम सप्ताह ही लगभग दस हजार बैगों की आपूर्ति के बाद से ही चुप्पी साधे हुए है। दूसरे सप्ताह तक पर्याप्त मात्रा में डीएपी आने का आश्वासन देती रही जिससे किसानों की सरसों की बिजाई भी देरी हो गई लेकिन यह आश्वासन अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक केवल झूठा का पुलिंदा नजर आ रहा है। सरसों की बिजाई के समय उपमंडल में मात्र दस हजार बैग आने से खाद से वंचित रहे कई किसानों ने मजबूरीवश हिसार, भिवानी व दादरी से महंगे भावों पर डीएपी मंगवाई वहीं कई को चिंता है कि शायद बिना खाद ही सरसों की बिजाई करनी पड़ी।

दूसरे शहरों से लाने की होगी मजबूरी

सरसों की बिजाई का अक्टूबर माह तक दौर चलेगा और इस समस्या से अभी निपटते अगले सप्ताह से गेहूं के लिए डीएपी की फिर जरुरत आने पर और किसानों ने बिना हार उतारे फिर से डीएपी के लिए दूसरे शहरों में जाकर दो दो बैग लाने को मजबूर होना पड़ सकता है। किसान रमेश कुमार, आनंद, नवीन, मुकेश कुमार इत्यादि ने बताया कि उपमंडल क्षेत्र में डीएपी की आवक न होने तथा कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा भविष्य में कब आएगी इस पर कोई स्पष्ट जवाब न देना किसानों व कृषि के साथ भद्दा मजाक है। कस्बे में पिछले सात दिनों से डीएपी न होने से वह मजबूरीवश हमें डीएपी के दो दो बैग के दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है जो किसानों की जेब पर भारी पड़ रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन से सरसों व गेहूं की बिजाई के दौर को देखते हुए तुरंत खाद उपलब्ध करवाने की मांग की है।

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