(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। अब समाज के लोग सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए लगातार आगे आ रहे है जिसके तहत आज रविवार को गांव कारी आदू मे मृत्यु के बाद अस्थियों को गंगा मे प्रवाहित ना करने व मृत्यु भोज ना करने का फैसला लिया गया।डा. भीमराव अम्बेडकर जनकल्याण समिति कारी आदू के संरक्षक मास्टर बलवंत सिंह के चाचा माईराम काला का 7 सितम्बर को देहांत हो गया, जिसकी आयु 70 वर्ष थी 7 इस से पूर्व समाज मे जो परम्परा चलती आ रही है कि मृत्यु के बाद गंगा में उनके शरीर कि अस्थियों को बहा दिया जाता था तथा मृत्यु भोज किया जाता था जो लोगो पर अनावश्यक बोझ है।
ट्रस्ट सदस्यों द्वारा पिछले छह माह से गांव गांव जाकर लोगों को समाज मे फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूक किया जा रहा है
इस समस्त परिवार ने शोक सभा आयोजित कर निर्णय लिया कि जो परम्परा पहले से चली आ रही है उसे बंद किया जाये 7 इसकी बजाय जो खर्च है उसको लाइब्रेरी, स्कूल, शिक्षा, सार्वजनिक स्थान पर पौधारोपण जैसे सामाजिक कार्यों पर लगाया जाये। इस फैसले का डॉ भीमराव अम्बेडकर जनकल्याण समिति कारी आदू व डॉ भीमराव अम्बेडकर समाज कल्याण ट्रस्ट बाढड़ा के अध्यक्ष महाबीर खिच्ची कारी मोद ने कहां कि ट्रस्ट सदस्यों द्वारा पिछले छह माह से गांव गांव जाकर लोगों को समाज मे फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहां कि पहले गांव जेवली अब कारी आदू मे मृत्यु के बाद गंगा मे अस्थियां विसर्जन ना करने व मृत्यु भोज ना करने का फैसला लिया है। इस सभा में पूर्व सरपंच महावीर नंबरदार, पूर्व सरपंच रामकिशन, नेतराम, प्रभुदयाल, रोशनलाल, लोकराम, बलवान, अशोक कुमार, प्रोफेसर रमेश कुमार, रामनारायण, प्रधान राकेश सेन, अनूप काला, मनोज कागड़ा, पूर्व सरपंच बेगराज, भरत सिंह , जले सिंह , फोरमैन सुरेश, राजेश फोरमैन, मैंनेजर श्रवण मोद व अनिल आदि मौजूद रहे।