(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। सरकार प्रशासन के माध्यम से गरीब व असहाय लोगों की सहायता के लिए अनेक योजनाएं चला रही है लेकिन धनासरी गांव की विधवा कृष्णा अपनी तीन बेटियों व एक बेटे के साथ जमीदोंज टीन शैड में विषम परिस्थितियों में गुजरना करने को मजबूर है। विधायक व अधिकारियों के मकान के लिए आर्थिक सहायता के आश्वासन कोरे साबित हुए है।
ये हम नही धनासरी गांव की विधवा कृष्णा कह रही है। उसने बताया कि वह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है। वह भूमिहीन है तथा उसके पास मकान नही है। वह अपने प्लाट में वर्षों पूर्व बनाए गए जंमीदोज हो चुके एक टीन शैड में अपनी तीन बेटियों व एक बेटे के साथ जीवन यापन करने को मजबूर है।
बरसात के मौसम में टीन शैड में भी पानी भरने का खतरा रहता है जिसके कारण वह एक पेड़ के नीचे छप्पर में रहने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि वो प्रशासन व विधायक नैना सिंह चौटाला से मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लगा चुकी है उन्हें आश्वासन तो मिले लेकिन धरातल पर नही उतर पाऐ।
14 वर्ष पहले कृष्णा के पति की हो चुकी है मौत
विधवा कृष्णा ने बताया कि लगभग 14 वर्ष पहले उसके पति की मौत हो चुकी है। उस समय उसके बच्चे छोटे थे। उसके सात बेटी व एक बेटा है। उसके पति की मौत के बाद बच्चों को पढ़ाया है जिनमें से चार बेटियों की शादी की जा चुकी है। तीन बेटियां व एक बेटा पढ़ाई कर रही है लेकिन बारिस आने के बाद पढ़ाई के लिए जगह ही नही है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
बकरी चरा कर गुजारा कर रही है कृष्णा
विधवा कृष्णा बकरी चराकर व दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। उसने स्वयं अनपढ़ होते हुए अपने बच्चों को पढ़ाया है तथा अभी भी बच्चों को पढ़ा रही है। अब उसकी आंखों की रोशनी कम हो गई है जिसके कारण बकरियों को चराने में सक्षम नही हो पा रही है जिसके कारण पढऩे वाली लड़कियों को बकरी चराने के लिए भेजना पड़ रहा है। इससे लड़कियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
एक लडक़ा व एक लडक़ी आईटीआई तो दो लडक़ी कर रही हैं बीए
कृष्णा का एक लडक़ा व एक लडक़ी आईटीआई में पढ़ाई कर रहे हैं तो दो लडक़ी बीए कर रही हैं तथा चार लड़कियों की शादी की जा चुकी है। कृष्णा ने हमेशा मकान बनाने की बजाय बच्चों को पढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया है ताकि बच्चे पढ़ लिखकर अपना भविष्य संवार सके।
पीएम आवास योजना का पिछले तीन-चार साल से बजट ही नही आया: बीडीपीओ
बीडीपीओ मनोज कुमार ने बताया कि एैसे मामले पीएम आवास योजना में आते है लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से पीएम आवास योजना का बजट ही नही आया है।