(Charkhri Dadri News) बाढड़ा। आर्यवीर दल चरखी दादरी के तत्वावधान में जेवली गांव के बाबा प्रीतमदास मंदिर के प्रांगण में चल रहे व्यायाम प्रशिक्षण एवम् चरित्र निर्माण संस्कार शिविर के चौथे दिन जिला संचालक स्वामी सच्चिदानंद के निर्देशन में व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य और राहुल आर्य ने सूर्यनमस्कार एवम् भूमिनमस्कार का अभ्यास करवाते हुए बताया कि सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है।
इस अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद ने शिविरार्थियों से कहा कि ईश्वर सर्वव्यापी है। ईश्वर की दृष्टि में आप हर समय रहते हैं, इसलिए गलत कार्य और गलत लोगों की संगत से हमेशा बचो।
अपने आंख, कान और वाणी से क्रमश: अच्छा देखो, सुनो और बोलोगे, तो स्वर सुधर जाएंगे। हमारे कर्म जन्मो-जन्मान्तर से प्रभावित करते चले आ रहे हैं, आज के कर्म से आने वाला कर्म निर्धारित होगा। संस्कारों से हमारे जन्म का निर्धारण होता है। मानव जीवन में सुधार करना का मौका मिलता है। इसलिए जीवन को सजगता के साथ जिएं। अच्छी दृष्टि की सोच रखें। मलीन चित को भक्ति सुधारती है। आत्मा की खुराक ईश्वर भक्ति और ध्यान है, इसलिए ध्यान करें, आध्यात्मिक बनें। उन्होंने कहा कि हर इंसान को प्रभु भक्ति के लिए भी समय निकालना चाहिए। ईश्वर की भक्ति करने के लिए अहिंसा, सत्य, असत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह का पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मन को प्रसन्न तथा शान्त बनाये रखने के लिए स्वयं का व्यवहार सुमधुर होना चाहिए। इस अवसर पर सत्यवान आर्य, मास्टर बलवान, सुरेशानंद महाराज, मंजीत बेरला, आशीष, हिमांशु, जतिन, दीपांशु, खुशी, भावना, तमन्ना, सानिया, साक्षी, आशू, आयुष आदि की उपस्थिति रही।
यह भी पढ़ें:Charkhi Dadri News : मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली का आधार है मतदाता सूची: आयुक्त