(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। खंड बाढड़ा में कक्षा तत्परता कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बाढड़ा में किया गया। इस कार्यशाला में खंड के प्राथमिक स्कूल प्रभारियों और मेंटर्स ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य था कि कक्षा बालवाटिका-3 से लेकर कक्षा पाँच तक के छात्रों को 45 दिनों की अवधि में उन दक्षताओं में निपुण किया जाए जिनमें वे पिछली कक्षाओं में अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुँच पाए हैं।

यह कार्यशाला एफएलएन कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई जिसमें जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर संदीप कुमार और स्टेट निपुण टीम से अभिषेक ने भी सक्रिय सहभागिता की। इस अवसर पर अभिषेक ने उपस्थित शिक्षकों को कक्षा तत्परता कार्यक्रम की रूपरेखा, इसके उद्देश्यों और क्रियान्वयन की रणनीति से अवगत कराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम केवल एक शिक्षण पहल नहीं है, बल्कि यह बच्चों की बुनियादी साक्षरता और गणना क्षमता को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

वर्कशॉप में बताया गया कि यह कार्यक्रम 15 अप्रैल से 24 मई तक चलाया जाएगा, जिसमें गतिविधि आधारित शिक्षण को केंद्र में रखते हुए बच्चों की पिछड़ी हुई दक्षताओं पर विशेष रूप से कार्य किया जाएगा। प्रत्येक छात्र को पढऩे, समझने और गणना करने में दक्ष बनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए मॉड्यूल का प्रयोग किया जाएगा।

ये मॉड्यूल उन्हीं दक्षताओं पर केंद्रित हैं, जिनमें बच्चे पूर्ववर्ती कक्षाओं में अपेक्षित प्रगति नहीं कर पाए थे।सभी प्रतिभागियों को गतिविधि आधारित शिक्षण विधियों, व्यक्तिगत ध्यान देने की तकनीकों और विद्यार्थियों की सीखने की गति को समझने के लिए आवश्यक मूल्यांकन उपकरणों की जानकारी दी गई। मेंटर्स को यह दायित्व सौंपा गया कि वे इस कार्यक्रम के दौरान नियमित रूप से विद्यालयों का निरीक्षण करें, शिक्षकों को मार्गदर्शन दें और कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें।

25 मई को इस पूरे कार्यक्रम का अंतिम मूल्यांकन किया जाएगा

25 मई को इस पूरे कार्यक्रम का अंतिम मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि कितने छात्रों ने लक्षित दक्षताओं में अपेक्षित स्तर प्राप्त किया है। इसके आधार पर आगे की शैक्षणिक योजनाओं का निर्माण किया जाएगा।
जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर संदीप कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कक्षा तत्परता कार्यक्रम शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे इसे केवल एक कार्यक्रम न समझें, बल्कि इसे बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के एक सुनहरे अवसर के रूप में लें।

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