(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। गांव बेरला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में आर्यवीर दल चरखी दादरी के तत्वावधान में 9 दिवसीय व्यायाम प्रशिक्षण एवं चरित्र निर्माण संस्कार शिविर के दूसरे दिन आर्यवीर दल जिला संचालक स्वामी सच्चिदानंद के सान्निध्य में लगभग 100 युवा एवं बच्चों को जूडो कराटे, नियुद्धम एवं आत्मरक्षा के दावों का अभ्यास करवाया गया।
इस अवसर पर व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य ने लगभग 50 युवा आर्यवीरों को अभ्यास करवाया तो वहीं व्यायाम शिक्षक राहुल आर्य ने 50 से 60 छोटे बच्चों को नियुद्धम एवं आत्मरक्षा के दावों का अभ्यास करवाया। शिविर के दूसरे दिन प्रवीण योगी बेरला एवं रमेश आर्य बेरला का विशेष सहयोग रहा साथ ही कुलदीप आर्य बाढड़ा का भी आशीर्वाद बच्चों को प्राप्त हुआ।
आत्मरक्षा के दावों का अभ्यास कराते हुए व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य ने कहा कि आत्मरक्षा के दावों के अभ्यास से आत्मबल का विकास होता है। आत्मबल एक ऐसा गुण है जो हमारे पुरुषार्थ को जाग्रत रखता है। यह गुण मुश्किल क्षणों में ऊर्जा स्त्रोत साबित होता है। आत्मबल हमें हर बुराई और विघ्न-बाधाओं से बचाता है।
स्वामी सच्चिदानंद ने शिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मरणासन्न शरीर में भी नवजीवन का संचार कर दे, ऐसी अमृत बूंद है-आत्मबल। आत्मबल हमें न सिर्फ दृढ़संकल्पी और साहसी बनाता है, बल्कि जीवन-संग्राम में जीतने की अदम्य इच्छाशक्ति भी प्रदान करता है।