- सभी अनुसंधानकर्तओं ने दी परीक्षा, 3 नए कानून पुलिस कार्य में पारदर्शिता लाने व कार्य को सरल और सुगम बनाने में होंंगे सहायक
(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। एसपी अर्श वर्मा पुलिस के निर्देशानुसार शनिवार को लघु सचिवालय के हाल नंबर 2 में सभी अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को आयोजन किया गया। इस शिविरर में चरखी दादरी पुलिस के सभी थाना प्रबंधकों, चौकी इंचार्जों व जिले के अनुसंधानकर्ताओं ने तीनों नए कानूनों के संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया। सभी अनुसंधानकर्ताओं ने तीनों कानूनों के सम्बन्ध में एक परीक्षा भी दी।
ट्रेनी आईपीएस दिव्यांशी सिंगला ने शिविर में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों और अनुसंधानकर्ताओं को नए आपराधिक कानूनों की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने नए कानूनों में बदली हुई धाराएं, उपबंध, कानून प्रदत नवीन अधिकारों, कार्य प्रणाली तथा अनुसंधानिक बदलावों के बारे में कर्मचारियों द्वारा नए कानूनों के प्रति जाहिर की गई शंकाओं का समाधान किया। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं को ई-साक्ष्य के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
नए कानून के तहत 12 तरह के अपराधियों को हथकड़ी लगा सकती है पुलिस
शिविर के दौरान पुलिस अधिकारियों को बताया गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 43 (3) में अपराध की प्रकृति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों की तरफ से हथकड़ी का इस्तेमाल करने का प्रावधान है। पुलिस अधिकारी किसी को गिरफ्तार करते समय या कोर्ट में पेश करते समय हथकड़ी लगा सकता है, अगर वह कोई अपराध बा- बार कर चुका है या आदतन अपराधी है या फिर हिरासत से फरार हो चुका है।
दिया गया स्पष्ट जवाब
इस मौके पर डीएसपी धीरज कुमार ने पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का स्पष्टता के साथ जवाब दिया। उन्होंने बताया कि नए कानून में ई-एफआईआर या इलैक्ट्रोनिक एफआईआर मेल द्वारा दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने कानूनों से हटाई गई धाराओं और ऐसी सभी धाराओं के बारे में बताया जिनमें बदलाव किया गया है या जो नई जोड़ी गई हैं।
इस दौरान से बताया कि किस धारा का स्थान अब किस धारा ने ले लिया है और उसके संबंध में क्या दंड निर्धारित किया गया है। यह भी बताया गया कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा किसी भी कार्रवाई के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी। इससे पुलिस के काम में पारदर्शिता आएगी और महत्वपूर्ण साक्ष्य भी एकत्रित होंगे। डीएसपी धीरज कुमार ने बताया कि इस वीडियो को ई-साक्ष्य मोबाइल एप पर भी अपलोड करना होगा जिससे वीडियो भी सुरक्षित रह सकेगी। इससे पुलिस के काम में पारदर्शिता आएगी, वहीं पीडि़त को न्याय व आरोपी को दंड दिलवाने में यह काफी मददगार साबित होगी।