Charkhi Dadri News : पीएम के मिशन को आगे बढा रहा बुजुर्ग, 10 साल से ड्राइवरी छोड़ लगा रहा झाडू

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Old man carrying forward PM's mission, has given up driving for 10 years and has been sweeping floors
बस स्टैंड के सामने सफाई करते रामचंद्र स्वामी।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। 70 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग को खुद को स्वस्थ व स्वच्छ रखने के लिए या तो अपने परिजनों के सहारे रहना पड़ता है या उसे फिर मेहनत करनी पड़ती है। मगर जिले के गांव कारी मोद निवासी लगभग 73 साल के बुजुर्ग रामचंद्र स्वामी ने 10 साल पहले देश को स्वच्छ बनाने की ऐसी ठानी कि वे पिछले 10 सालों से जगह-जगह खुद ही साफ सफाई करते आ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने खुद ही झाडू उठाई और स्वच्छता मुहिम की शुरूआत की जो अब लगातार जारी है। वे पीएम नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर सेवा भावना से झाडू उठाते हुए सार्वजनिक स्थानों को चमकाने में जुटे हुए हैं।

रामचंद्र स्वामी प्रदेश के अलावा गुजरात व राजस्थान में भी कई जगहों पर स्वच्छता मुहिम चला चुके हैं। रामचंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर झाडू उठाई थी और वे पीएम से मिलने की उम्मीद लिए आज भी अपने काम में जुटे हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को भगवान कृष्ण मानने वाले रामचंद्र खुद को सुदामा मानते हुए पीएम से मिलने 2 बार दिल्ली की पैदल यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है। पीएम मोदी के प्रति उनकी आस्था के चलते लोग उन्हें मोदी भक्त के नाम से भी जानते हैं।

3 महीने 9 दिन के लिए पीएम के लिए रखा व्रत

यहां बता दें कि गांव कारीमोद निवासी रामचंद्र स्वामी ट्रक ड्राइवरी का काम करते थे और अक्सर उनका गुजरात आना-जाना रहता था। वहां के स्वच्छता कामों से प्रभावित होकर उनके मन में नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था जगी। वहीं जब 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया तो उन्होंने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना करते हुए 3 महीने 9 दिन का व्रत रखा था।

साल 2014 में प्रधानमंत्री ने पीएम बनने के बाद जब झाडू उठाकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की तो रामचंद्र ने भी ट्रक ड्राइवरी की नौकरी छोड़ झाडू उठा ली और स्चच्छता अभियान की शुरूआत की। रामचंद्र उसके बाद से एक कार रखते हैं और उसी में हमेशा झाडू साथ रखते हैं और अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर मुख्य बाजारों, चौक-चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर सफाई में जुटे रहते हैं।

10 साल से मुफ्त सेवा में जुटे

उसके बाद रामचंद्र बीते 10 सालों से बिना किसी लोभ-लालच के सेवा भावना से अपने काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने लिखित शपथ पत्र दे रखा है कि यदि वे कहीं भी स्वच्छता काम करते समय किसी हादसे का शिकार हो जाएं या उनकी मौत हो जाए तो उसका जिम्मेदार कोई नहीं होगा, वे स्वयं जिम्मेवार होंगे और इसके बदले कोई अनुदान या आर्थिक सहायता भी परिजनों को ना दी जाए। वे केवल और केवल सेवा भावना से काम करना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि वे जहां भी जाते हैं वहां चाय पीने के अलावा कुछ भी नहीं लेते।

कई ग्राम पंचायतें कर चुकी हैं सम्मानित

रामचंद्र सार्वजनिक स्थानों के अलावा गांवों में पहुंचकर पूरे गांव को अकेले दम पर स्वच्छ करते हैं। इसके लिए कई पंचायतों द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कई बार गुजरात में भी स्वच्छता अभियान चलाए, जिनके प्रमाण पत्र उनके पास मौजूद हैं। रामचंद्र ने बताया कि उन्होंने शुरूआत अपने गांव से की थी और चंडीगढ़ से पहुंची टीम ने गांव की स्वच्छता को देख गांव को पॉलिथीन मुक्त घोषित किया था। इसके बदले ग्राम पंचायत को एक लाख रुपए की इनामी राशि भी प्राप्त हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की तमन्ना

झाडू के साथ गाड़ी में नरेंद्र मोदी की फोटो साथ रखने वाले रामचंद्र की तमन्ना है कि वे एक बार पीएम नरेंद्र मोदी से मिलें। उन्होंने प्रयास भी किया और 170 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। वहीं रामचंद्र का कहना है कि वे किसी की सिफारिश से उनसे नहीं मिलेंगे, बल्कि अपने काम की बदौलत मिलेंगे। वे उन्हें कृष्ण भगवान स्वरूप मानते हैं और उसे उम्मीद है कि एक दिन ये सुदामा उन तक अवश्य पहुंचेगा।

5 मिनट की सफाई बदलेगी देश की तस्वीर

कस्बा बाढड़ा के बस स्टैंड के सामने सोमवार को सफाई कर रहे रामचंद्र स्वामी से बात की तो उन्होंने बताया कि वे रोजाना सुबह 5 बजे से लेकर 10-11 बजे तक सार्वजनिक स्थानों, चौक-चौराहों, सडक़ों, गलियों आदि में साफ-सफाई करते हैं। उन्होंने कहा कि गंदगी से बीमारियां फैलती हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति यदि अपने आसपास रोजाना 5 मिनट भी साफ-सफाई करे तो देश की तस्वीर बदल सकती है और धरती पर ही स्वर्ग बना सकता है।