Charkhi Dadri News : रेडियोग्राफरों की संख्या 3, एक्स-रे किया स्वीपर महिला ने, विभाग ने शुरू की जांच

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Number of radiographers is 3, X-ray was done by a sweeper woman, department started investigation
महिला स्वीपर द्वारा किसी महिला का एक्स-रे करने का वह फोटो जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। शहर सिविल अस्पताल में रेडियोग्राफर के 3 पद होने के बावजूद भी हाल ही में सिविल अस्पताल में एक महिला स्वीपर के पद पर कार्यरत महिला द्वारा एक्स-रे करने का मामला सामने आया था। ऐसे में मरीजों के स्वास्थ्य विभाग के नियमों के साथ हो रहे खिलवाड़ के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को संज्ञान लिया है। इसको लेकर सीएमओ द्वारा एमओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर रेडियोलोजिस्ट व महिला सर्वेंट पर गाज गिरना तय है।

यहां बता दें कि शहर के सिविल अस्पताल में महिला वार्ड में यहां कार्यरत एक महिला स्वीपर के पद पर कार्यरत एक महिला द्वारा एक्स-रे रूम में रेडियोग्राफर की जगह मरीजों का एक्स-रे कर रही थी। अस्पताल में आए कुछ मरीजों द्वारा इसकी विडियो व फोटो बना लिया। उसके बाद उन्होंने उन वीडियो व फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जबकि यहां के सिविल अस्पताल मेें अल्ट्रासाउंड करने के लिए 3-3 विशेषज्ञ रेडियोग्राफर नियुक्त हैं। इसलिए यह मामला संज्ञान में आते ही सीएमओ राजवेंद्र द्वारा एमएस डॉ. राहुल की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया। उक्त महिला स्वीपर द्वारा एक्स-रे करने का यह मामला 7 मार्च का बताया जा रहा है।

लापरवाह कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

इस बारे में सीएमओ राजवेंद्र मलिक ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में सोशल मीडिया अन्य माध्यमों से आया है। इसकी पुष्टि होने पर उन्होंने एमएस डॉ. राहुल की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर यहां नियुक्त रेडियोग्राफर व महिला स्वीपर द्वारा कोताही बरतने की पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कहा कि मामला बहुत गंभीर है और जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसलिए माना जा रहा गंभीर मामला

यहां बता दें कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही देश में बेटियों के बराबर ही बेटियों की शिक्षा दीक्षा के अलावा बेटियों को हर क्षेत्र में बेटों को समान अवसर देने का वायदा करते हुए बेटी बचाओ-बेटी पढाओ का नारा हमारे प्रदेश की धरती पानीपत से ही दिया था। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे प्रदेश में उस समय लिंगानुपासत में बहुत फर्क था। प्रधानमंत्री की उसी पहल के चलते स्वास्थ्य विभाग में भ्रूण लिंग जांच पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए जद्दोजहद करनी शुरू कर दी थी। इसके चलते हमारे प्रदेश के लिंगानुपात में कुछ हद तक सुधार भी आया है।

सूचना मिलते ही की जाती है रेड

हालांिक स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद इस तरह का काम करने वाले लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे और वे अपने इस गोरखधंधे को प्रदेश ही नहीं बल्कि साथ लगते दूसरे प्रदेशो में प्रदेश की महिलाओं को ले जाकर वहां इस तरह भ्रूण लिंग जांच का काम करते आ रहे हैं। इसके लिए कहीं लोग महिलाओं का अल्ट्रसाउंड मशीन तो कहीं एक्स-रे मशीन का सहारा ले रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी उन पर लगाम लगाने के लिए अपने स्तर पर खुफिया तंत्र तैयार किया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ज्यों ही इस बारे में कहीं से भी सूचना मिलती है तो इस तरह के धंधे में शामिल लोगों को पुलिस के हाथों गिरफ्तार करा उनके खिलाफ केस दर्ज कराता आ रहा है। इसके बावजूद प्रदेश में इस तरह के औसतन 2 से 3 केस सामने आ ही जाते हैं।

आखिर महिला स्वीपर के एक्स-रे करने पर क्यों बरती जाएगी सख्ती

अब चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में वहां कार्यरत महिला स्वीपर द्वारा किसी महिला का एक्स-रे करने पर इतनी जल्दी और इतना सख्त कदम क्यों उठाया जाएगा। इस बारे में सीएमओ राजवेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि जब किसी निजी अस्पताल में बिना रेडियोग्राफर के किसी का भी एक्स-रे करने पर पूरी तरह पाबंदी है तो यहां के सिविल अस्पताल में 3-3 रेडियोग्राफर नियुक्त हैं। इसलिए उनके होने के बावजूद यहां की महिला स्वीपर द्वारा किसी का एक्स-रे करना अपने आप में ही स्वास्थ्य विभाग के नियमों का उल्लंघन है। इसलिए जांच कमेटी की रिपोर्ट में इस मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।