(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ ने मंगलवार को आयोग की रजिस्टार गोमती मनोचा की अध्यक्षता में दादरी के पीडब्लयूडी रेस्ट हाऊस में आयोजित शिविर में बच्चों की शिकायतें सुनी गई। उन्होंने संबंधित विभागाध्यक्षों को बच्चों की शिकायतों का समाधान करते हुए उन्हें सरकारी सेवाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई भी पात्र बच्चा सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ लेने से महरूम न रहे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का उद्देश्य बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करना है। देश प्रदेश में एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना है जो बच्चों के हित में सभी कानूनी प्रावधानों, उनके संरक्षण और विकास के लिए प्रदेश में चलाई जा रही समस्त योजनाओं की सटीकता, सम्पूर्णता, प्रभावशीलता की निगरानी कर सके। बच्चों द्वारा बेंच के सामने 194 शिकायत रखी गई, जिन्हें गंभीरतापूर्वक सुना गया और समाधान के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि अधिकतर शिकायतें बच्चों के अधिकारों व सरकारी योजनाओं के लाभ से संबंधित थीं। उन्होंने कहा कि समाज में दिव्यांग बच्चों के प्रति संवेदना जरूरी है। ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बाल अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग के लिए शून्य से लेकर 18 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों की सुरक्षा का समान महत्व है। सभी समस्याओं का शत प्रतिशत समाधान सुनिश्चित करना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आह्वान किया कि वे पॉक्सो एक्ट, बच्चा गुमशुदा, बाल मजदूरी, बाल भिक्षावृत्ति, स्कूल संबंधी किसी दस्तावेज प्राप्त करने में परेशानी, आधार कार्ड, स्वास्थ्य संबंधी तथा मेडिकल सर्टिफिकेट आदि किसी भी तरह की शिकायत को आयोग के समक्ष रख सकते हैं।
शिविर में विकलांग बच्चों के सर्टिफिकेट बनाए गए। दस्तावेजों में जो कमी पाई गई, उन्हें ठीक किया गया है। अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद प्रदान करने व सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों को सुविधाएं व संरक्षण सुनिश्चित हो और निर्धारित समय सीमा में संबंधित प्रकरणों का निराकरण संभव किया जाए। सुनवाई के दौरान संबंधित विभागों के माध्यम से निराकरण भी किया गया। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावक भी सरकारी निर्देशों की अनुपालना करें।
इस अवसर पर एनसीपीसीआर के सदस्य अनिल कुमार, मांगेराम, सीडब्ल्यूसी की चैपरसन शिल्पी रानी, जिला परिषद के सीईओ प्रदीप कौशिक और एसडीएम सुरेश कुमार व नवीन कुमार, ट्रेनी एचसीएस जितेंद्र, डीपीओ गीता सहारण, डीसीपीओ नीलकमल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।