• 21 से 25 अप्रैल तक गली-गली प्रचार अभियान, बालवाटिका से 12वीं तक विद्यार्थियों का डाटा एकत्रित, उल्लास सर्वे के तहत निरक्षरों की पहचान

(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। जिले के सरकारी स्कूलों में 21 अप्रैल से 25 अप्रैल तक मेगा सर्वे का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाना और बालवाटिका-3 से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों का डाटा एकत्रित करना रहा। इस अभियान के तहत शिक्षा विभाग ने व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करते हुए जन-जन तक सरकारी स्कूलों की उपलब्धियों और शिक्षा नीतियों को पहुँचाने का कार्य किया।
सर्वे के दौरान स्कूल स्टाफ सदस्य और छात्र प्रचार वाहनों के साथ गली-गली जाकर लोगों को जागरूक किया। बैनर, पोस्टर, और ऑडियो संदेशों के माध्यम से अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की बेहतर सुविधाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी गई। इस प्रयास का उद्देश्य अभिभावकों का विश्वास जीतकर बच्चों का अधिकाधिक नामांकन सुनिश्चित करना था।

हमारा प्रयास है कि हर बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे और सरकारी विद्यालयों को पहली पसंद बनाया जाए

डाइट बिरही कलां के स्टाफ, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्तरीय रिसोर्स पर्सन और अन्य अधिकारियों द्वारा इस मेगा सर्वे की मॉनिटरिंग की जा रही है। विशेष ध्यान उन स्कूलों पर दिया जा रहा है, जहाँ छात्र संख्या अपेक्षाकृत कम है, ताकि उचित रणनीति बनाकर नामांकन बढ़ाया जा सके।सर्वे के अंतर्गत प्रत्येक सरकारी स्कूल को बुधवार, 30 अप्रैल तक अपनी सर्वे रिपोर्ट जिला कार्यालय में जमा करवानी है। जिला शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र नारा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो स्कूल समय पर सर्वे रिपोर्ट जमा नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता लगातार बढ़ रही है। हमारा प्रयास है कि हर बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे और सरकारी विद्यालयों को पहली पसंद बनाया जाए।

मेगा सर्वे के साथ-साथ ‘उल्लास सर्वे’ भी जिले भर में चलाया गया। उल्लास सर्वे के तहत 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर व्यक्तियों की पहचान की गई। जिला कोऑर्डिनेटर उल्लास, हरपाल आर्य ने बताया कि उल्लास सर्वे के जरिए हम जिले को पूर्ण साक्षरता की ओर ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं। निरक्षर व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें साक्षर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

जिला स्तर पर मेगा सर्वे कार्य का समन्वय कर रहे एफएलएन कोऑर्डिनेटर संदीप कुमार ने बताया कि सर्वे के दौरान स्टाफ सदस्यों और विद्यार्थियों ने बड़ी सक्रियता दिखाई। कई स्थानों पर नुक्कड़ सभाएँ, जन संवाद कार्यक्रम और अभिभावक बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों की नई पहलों की सराहना की और नामांकन बढ़ाने के प्रति उत्साह दिखाया। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है जिले में शत-प्रतिशत साक्षरता प्राप्त करना और सरकारी विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना।