(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। बाढड़ा उपमंडल के गांव नांधा निवासी नितेश लुहाच ने पेरिस ओलंपिक गेम्स में सोमवार दोपहर बाद आयोजित बेडमिंटन के फाईनल मुकाबले में जापान के खिलाड़ी को कड़े मुकाबले में हराकर भारत की झोली में स्वर्ण पदक डाला। उनके बेहतरीन प्रदर्शन से देशवासी गद्गद् हो गए हैं तथा उनको सोशल मिडिया पर जमकर बधाई दे रहे हैं।गांव नांधा निवासी भूतपूर्व नौ सैनिक विजेन्द्र सिंह के लडक़े नितेश पेरा गेम्स के एशियन गेम्स में चार पदक व विश्व चैंपियनशीप में तीन पदक जीतने के अलावा अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर के पैरा बेडमिंटन खेलों में सैंकड़ों पदक जीत चुका है और पिछले चार वर्ष से पेरिस पैरा ओलंपिक्स 2024 बेडमिंटन खेल के लिए पसीना बहा रहा है।
मौजूदा समय में वह पेरिस में डटा हुआ है और पैरा बेडमिंटन के मेंस सिंगल एसएल 3 के ग्रूप स्टेज ए के फाईनल मुकाबले में ब्रिटेन डेनियल बेथेल के साथ तीन मुकाबलों में से प्रथम व अंतिम मुकाबले में एकतरफा 21-18-23, व विरोधी डेनियल को 14-21-21 के मुकाबले में विजेता बनकर गोल्ड मैडल जीतने में कामयाब रहे। नितेश कुमार के की ऐतिहासिक जीत पर उनके गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है।उनके ताऊ गुणपाल सिंह व वेदपाल सिंह ने बताया कि जनवरी माह में नितेश के 18 जनवरी के पैरा एशियन गेम्स 2022 में तीन पदक जीतकर बाढड़ा में पहुंचने पर सामाजिक संगठनों, पंचायत प्रतिनिधियों ने जोरदार स्वागत किया तथा उपमंडल कार्यालय में एसडीएम सुरेश दलाल ने भी उनका अभिनंदन किया था जिस पर नितेश ने सभी से वायदा किया था कि अगस्त माह में पेरिस पैरा ओलंपिक्स 2024 के खेलों में स्वर्ण पदक हासिल कर ही इस क्षेत्र का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संसार में रोशन करेंगे।
रेल दुर्घटना में पैर खोया, जुनुन ने पेरिस में चमकाया
गांव नांधा निवासी नितेश लुहाच क्षेत्र व देश प्रदेश में किसी परिचय के मोहताज नहीं है लेकिन बेडमिंटन जैसे खेल की चकाचौंध के पीछे एक युवा के संघर्ष को शायद कुछ लोग नहीं जानते। नितेश अपने पिता नौ अधिकारी विजेन्द्र सिंह जो उस समय विशाखापटनम में तैनात थे के साथ रहते हुए वहीं पर केन्द्रिय विद्यालय में पढ रहे थे। 2009 में नौंवी कक्षा में पढते हुए अपने स्कूल के फुटबाल मैच में भागीदारी करते हुए वापस लौटते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुए। इस घटना से एक बार तो नितेश का हौंसला डगमगाया और वह मायूस हुआ लेकिन उनके पिता विजेन्द्र सिंह ने एक सजग सैनिक होने का परिचय देते हुए उनका मार्गर्दशन करते हुए पहले पढाई के लिए तैयार किया तथा बाद में बेडमिंटन में रुचि के कारण उनको विशेष कोच के सानिध्य में कठोर प्रशिक्षण दिलवा कर आज इस मुकाम पर पहुंचाया।
ओलंपिक में प्रदर्शन करना हर एथलीट और हर खिलाड़ी का सपना होता: बिजेन्द्र सिंह
पूर्व सैनिक बिजेन्द्र सिंह लुहाच ने बताया कि ओलंपिक में प्रदर्शन करना हर एथलीट और हर खिलाड़ी का सपना होता है। भगवान के आशीर्वाद से मेरे बेटे नांधा के नितेश कुमार लुहाच ने पेरिस में चल रहे पैराओलंपिक 2024 में अपने कोशल, कठोर प्रशिक्षण से अपने तीनों मैच जीतकर ग्रुप में टॉप करके सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई। 30 अगस्त को उन्होंने थाईलैण्ड के एम मुस्कून को 21-13, 21-14 सीधे सेट्स में हराकर सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई। सेमीफ़ाइनल में उनका मैच आज सैम 8:15 पर जापान के डैसूके फ़ुजय़िरा से होगा। बेटे के सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के बाद आज उनके माता पिता ने खाटू श्याम जी मंदिर में पूजा अर्चना की और बेटे की कामयाबी के लिए प्रार्थना की। उन्होंने भगवान से प्रार्थना की वह बेटे से दूरभाष पर बात करके कहा कि मुझे ही नहीं अपितु पूरे देश को यकीन था कि आप पेरिस में भारत का राष्ट्रीय गान के साथ तिरंगे और समस्त भारतवासियों को गौरवान्वित करेंगे।