- जिला में ग्रैप तीन की पाबंदियों को सख्ती से किया जाए लागू
(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। एनसीआर में लागू ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) तीन के तहत जिला प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने और इसके कारणों की रोकथाम के लिए सख्त रवैया अपना लिया है। उपायुक्त मुनीश शर्मा ने इस संबंध में शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की हिदायतों के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने ग्रेप चार के लागू होने की संभावना पर भी चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को एतिहात बरतने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा प्रदूषण के स्तर के मद्देनजर संबंधित विभाग सभी हिदायतों का गंभीरता से पालन करवाना सुनिश्चित करें।
बैठक में उन्होंने कहा कि शहर की सभी मुख्य सडक़ों के किनारे पेड़ पौधों पर नियमित रूप से पानी का छिडक़ाव करवाया जाए ताकि इन पर धूल न जमने पाए। ज्यादा धूल वाले स्थानों की पहचान कर वहां एंटी स्मॉग गन तैनात की जाएं। इसी तरह जिला में दस साल से पुराने डीजल वाहन व 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर कारवाई करते हुए उन्हें इम्पाउंड किया जाए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक स्मूथ तरीके से चले।
प्रदूषण नियंत्रण में कोताही नहीं होगी बर्दाश्त
उन्होंने कहा केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले जिलों में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश आदेश जारी किए हैं। विभागों को जिला प्रशासन की ओर से जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई है उनकी जिला में सख्ती से पालना सुनिश्चित करानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के मामले में किसी भी प्रकार की कोताही बिल्कुल सहन नहीं की जाएगी। संबंधित विभागाध्यक्ष नोडल अधिकारी की नियुक्ति करते हुए नियमित रूप से एटीआर भिजवाना सुनिश्चित करें।
ग्रेप नियमों की अनदेखी करने पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त ने विभागों को निर्देश दिए कि वे जिला में कंस्ट्रक्शन साइट व औद्योगिक इकाइयों की नियमित रूप से विजिट करते हुए चेकिंग करें और ग्रेप नियमों की अनदेखी, अनियमितताएं व कोताही पाए जाने पर उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए सख्त कार्रवाई करें। इस दौरान औधोगिक क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से भी अभी तक की गई कार्रवाई पर भी जवाब मांगा। उन्होंने कूड़ा जलाने के मामलों पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश भी दिए हैं।
इन गतिविधियों पर रहेगी रोक
ग्रेप का तीसरा चरण लागू होने के बाद जिला में कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलूशन से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों पर पाबंधी रहेगी। बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम, ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना, ईंट व चिनाई के कार्य,पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य,
टाइल्स, पत्थरों और अन्य फ़्लोरिंग सामग्री की कटिंग
सडक़ निर्माण गतिविधियाँ और प्रमुख मरम्मत, परियोजना स्थलों के भीतर/बाहर कहीं भी सीमेंट, ईंटें, रेत, कंकड़, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग, कच्ची सडक़ों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी।
उपायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इस अवधि में जिला में सभी क्रेसर जोन व खनन का कार्य पूर्ण रूप से बंद रहे। उन्होंने बताया इस दौरान राष्ट्रीय महत्व व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े प्रोजेक्ट्स को इन पाबंदियों से बाहर रखा गया है।
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