(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। यदुवंशी शिक्षा निकेतन मंदौला में हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा दूसरी से पांचवी तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के लेखन कौशल्य का विकास करना था। यह प्रतियोगिता चार साधनों के मध्य आयोजित की गई जिसमें महाराणा प्रताप सदन प्रथम लक्ष्मीबाई और भगत सिंह सदन के विद्यार्थी तृतीय स्थान पर रहे द्य कक्षावार प्रतियोगिता में सात्विक, हर्षिता, पुनीता, आरुषि, दीक्षिता, प्रनीता ,वाणी, नव्या प्रथम स्थान पर रही, विधि, रिया, ओवी, मुकुल, आस्था, दीप्ति, चंचल, योगिता, द्वितीय स्थान हासिल किया, रियांश, आयशा, वैभव, पराग, लकी, शौर्य, समीर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया द्य निर्णायक मंडल की भूमिका श्रीमती अनीता जांगड़ा, राजेश कुमारी, ज्योति और प्रियंका ने निभाई।
विद्यालय प्राचार्य नरेंद्र यादव और डीन नौरंग लाल यादव ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा किस प्रकार की प्रतियोगिताओं में सभी बच्चों को बढ़ चढक़र भाग लेना चाहिए। सुलेख लिखने से लेखन कौशल में सुधार होता है। सुलेख लिखने से लिखावट सुंदर होती है, जिसे पढऩे में आसानी होती है और जो पढऩे वाले को आकर्षित करती है। महाराणा प्रताप प्रथम व लक्ष्मी बाई सदन रहा द्वितीय, यदुवंशी शिक्षा निकेतन मंदौला में हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा दूसरी से पांचवी तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के लेखन कौशल्य का विकास करना था।
यह प्रतियोगिता चार साधनों के मध्य आयोजित की गई जिसमें महाराणा प्रताप सदन प्रथम लक्ष्मीबाई द्वितीय और भगत सिंह सदन के विद्यार्थी तृतीय स्थान पर रहे द्य कक्षावार प्रतियोगिता में सात्विक, हर्षिता, पुनीता, आरुषि, दीक्षिता, प्रनीता ,वाणी, नव्या प्रथम स्थान पर रही, विधि, रिया, ओवी, मुकुल, आस्था, दीप्ति, चंचल, योगिता, द्वितीय स्थान हासिल किया, रियांश, आयशा, वैभव, पराग, लकी, शौर्य, समीर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निर्णायक मंडल की भूमिका श्रीमती अनीता जांगड़ा, राजेश कुमारी, ज्योति और प्रियंका ने निभाई द्य विद्यालय प्राचार्य श्री नरेंद्र यादव और डीन नौरंग लाल यादव ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा किस प्रकार की प्रतियोगिताओं में सभी बच्चों को बढ़ चढक़र भाग लेना चाहिए। सुलेख लिखने से लेखन कौशल में सुधार होता है. सुलेख लिखने से लिखावट सुंदर होती है, जिसे पढऩे में आसानी होती है और जो पढऩे वाले को आकर्षित करती है।