(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। किसान खाद बीज, बकाया मुआवजा व बिजली आपूर्ति के लिए दर दर भटक रहे हैं वहीं भाजपा सरकार खुद की पीठ थपथपाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया केवल दिखावा रह गई अलग अलग नियमों से योग्य युवा को जानबूझ कर उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
यह बात वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक सोमवीर सिंह ने क्षेत्र के दौरे के दौरान कही।

किसान जब मंडी में अनाज लेकर जाता है तो नाममात्र का भाव पाता है लेकिन अब पूंजीपति उनका भंडारण कर मनमानी कीमत वसूल कर रहा है जो न्यायसंगत नहीं है

उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भोलेभाले मतदाता को भ्रमित करने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की लेकिन सत्ता मिलते ही अब अलग अलग नियमों का बहाना बनाकर जन हितकारी योजनाएं बंद की जा रही है। किसान जब मंडी में अनाज लेकर जाता है तो नाममात्र का भाव पाता है लेकिन अब पूंजीपति उनका भंडारण कर मनमानी कीमत वसूल कर रहा है जो न्यायसंगत नहीं है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केवल दिखावे के नाम पर आत्मनिर्भर राष्ट्र का राग अलाप रही है जबकी धरातल पर आज किसान, नौजवान भुखा प्यासा सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर है।

पिछले पांच साल से लगातार संघर्षरत यूपी, पंजाब व हरियाणा के किसानों के जत्थे अपने हकों के दिल्ली जा रहे हैं तो सरकार को यह भी पसंद नहीं है और उनको अपराधियों की तरह व्यवहार कर रही है जो न्याय संगत नहीं है। भाजपा को गांव के गरीब किसान मजदूर की बजाए पूजीपंतियों के भविष्य की ज्यादा चिंता है। जब दो साल पहले किसानों को लंबा आंदोलन चलाना पड़ा तो पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वयं किसानों को आंदोलन खत्म कर केन्द्र सरकार की अगुवाई में कमेटी गठित कर फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी कानून लागू करने व लागत के आधार पर दरें निर्धारित करने का वायदा किया था लेकिन सरकार तीसरी बार सत्ता में आते ही घमंड में आ गई है और किसान, बेरोजगारों पर तरह तरह के गलत फैसलें थोप रही है।

सिर्फ किसान हरियाणा होकर दिल्ली जाना चाहते हैं, ऐसे में किसानों को हरियाणा में रोकना लोकतंत्र विरोधी कदम है।

सीएम द्वारा बार बार ब्यान दिया जा रहा है कि दिल्ली कूच करने वाले किसान पंजाब राज्य के हैं। इसलिए पंजाब के सीएम को किसानों से बात करनी चाहिए। यदि पंजाब के किसान एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की मांग पर केंद्र सरकार के पास जा रहे हैं तो हरियाणा सरकार को क्या आपत्ति है। सिर्फ किसान हरियाणा होकर दिल्ली जाना चाहते हैं। ऐसे में किसानों को हरियाणा में रोकना लोकतंत्र विरोधी कदम है।

रास्ता बंद करना, सडक़ खोदना, कीलें व कंटीली तारें बिछाना समस्या का समाधान नहीं है। उनके अलावा कांग्रेसी नेता सरपंच सुरेश धनासरी, छात्रनेता विजय मोटू, पूर्व सरपंच वेदप्रकाश काकड़ौली, आनंद वालिया, पूर्व बीईओ करणसिंह श्योराण, विजय हंसावास, मनोज जेवली, रामफल रांगी, अतरसिंह काकड़ौली, समुंद्र काकड़ौली, संदीप ढाणी सुरजा,संदीप गोपी इत्यादि मौजूद रहे।

Charkhi Dadri News : भाकियू की अगुवाई में उग्र किसानों ने रोष मार्च निकाल कर एसडीएम को ज्ञापन दिया