Charkhi Dadri News : बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ रहे अत्याचार मानवता पर कलंक, अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए तुरंत रोकथाम करे सरकार: दिनेशानंद

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Increasing atrocities on Hindus in Bangladesh are a disgrace on humanity, government should immediately stop it on international platform Dineshanand
श्रीसंकट मोचिनी देवी धाम संचालक स्वामी दिनेशानंद महाराज।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। श्रीसंकट मोचिनी देवी धाम संचालक स्वामी दिनेशानंद महाराज ने कहा कि हिंदुओं पर बढ रहे अत्याचार असहनीय होते जा रहे जो परोपकार पर कलंक हैं। भारत सरकार को इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाकर रोकथाम करनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं भविष्य के लिए सद्भावना के खिलाफ संदेश है जिस पर हिंदू समाज को जागना चाहिए।

यह बात उन्होंने काकड़ौली के श्रीसंकट मोचिनी देवी धाम परिसर में भक्तजनों को प्रवचन देते हुए कही। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अधिकतर आवश्यकताएं भारत से पूर्ति कर रहा है और अब ओच्छी मानसिकता से वर्षो से वहां पर रहकर बांग्लादेश को आर्थिक, सामाजिक तौर पर मजबूत करने वाले हिंदुओं को आज सरेआम कत्लेआम हो रहा है जो परोपकार के क्षेत्र में सबसे ओच्छी मानसिकता है। हिंदू धर्म असहाय, दिव्यांग की मदद करने में अव्वल है वहीं इसी विचारधारा का विश्व में प्रचार प्रसार करता है लेकिन दुर्भाग्य है कि हिंदू धर्म को अपनाने वालों को जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है।

हिंदू धर्म ही सही मायनों में सबको एकसूत्र में पिरोकर मानवता की एकजुटता का संदेश देती है

किस प्रकार भीड़ निर्दोष परिवारों को पत्थर, डंडों व हथियारों से उनपर जानलेवा हमला कर गंभीर रुप से घायल या सरेआम छोटे छोटे बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है जो विश्व में आपसी भाईचारे के लिए गलत संदेश है। स्व. स्वामी भगवानदेव परमहंस ने सदैव मानवता को संदेश व पूर्वोत्तर भारत में बढते धर्मांतरण को लेकर भारत भर में यात्राएं निकाली तथा बांग्लादेश में भी हिंदू का प्रचार प्रसार किया गया जो अब दोबारा आरंभ करने का समय आ गया है। हिंदू धर्म ही सही मायनों में सबको एकसूत्र में पिरोकर मानवता की एकजुटता का संदेश देती है।

मानव जीवन में धर्म ही हमें अच्छे बुरे की पहचान कराता है और सही मायनों में जीवन के रहस्य से अवगत करवाता है

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में ही शांति, सहनशीलता मानवता व अपनापन सीखने को मिलता है। भारतीय सनातन धर्म के समक्ष आज विश्व नतमस्तक है और धरा पर धर्म ही सच्चे जीवन का रास्ता है। मानव जीवन में धर्म ही हमें अच्छे बुरे की पहचान कराता है और सही मायनों में जीवन के रहस्य से अवगत करवाता है। मानव जीवन में धर्म ही हमें अच्छे बुरे की पहचान कराता है और सही मायनों में जीवन के रहस्य से अवगत करवाता है।

इस धर्मनगर के संस्थापक स्वामी भगवानदेव परमहंस ने सदैव नारी शिक्षा, गोसवेा के लिए विधायक तक का पद ठुकरा दिया और पूर्वोत्तर राज्यों में उनके धर्मांतरण व राम मंदिर के लिए उनकी रथयात्रा को नई पीढी को प्रेरणा के रुप में पढने को मिलेंगी। स्वामी दिनेशानंद महाराज ने भक्तजनों से अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा परोपकार की भावना को बढावा देते गरीब व असहायों की मदद करने व नारी व गोसुरक्षा में आगे बढकर सहयोग करने का आह्वान किया। उनके अलावा हुकमचंद दिल्ली, कृष्णलाल गर्ग भिवानी, हिरालाल शास्त्री, शीशराम शर्मा, बजरंग लाल फतेहाबाद, जितेन्द्र सोनी बरवाला, अशोक शर्मा, सरपंच रणबीर सिंह रोहिल्ला, प्रेम काकड़ौली, पंकज शर्मा इत्यादि हजारों भक्तजन मौजूद रहे।

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