(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। श्रीराम लीला कमेटी के द्वारा पुराना शहर स्थित रामलीला रंगमंच पर हनुमान जी का जामवंत द्वारा शक्तियों की याद दिलवाने के बाद सौ योजन के संमुद्र को पार करने के लिए छलांग लगाना, संमुद्र के बीच में सुरसा के द्वारा उन्हें खाने के लिए अपने मुख को बढ़ाना हनुमान जी के द्वारा अपने शरीर को छोटा कर उसके मुंख में जाकर वापिस आना तथा आगे बढऩा, लंका के द्वारा पर रक्षक राक्षसी को मार लंका प्रवेश, समस्त लंका में सीता मां को ढूढंते हुए विभिषण से भेंट,विभिषण के बताने पर अशोक वाटिका पहुंचना, सीता को श्रीराम की मुद्रिका देकर अपनी पहचान बताना, भूख लगने पर वाटिका को फलों को खाते हुए उसे उजाडऩा एवं लका दहन तक की लीला को कलाकारों के द्वारा दर्शाया गया। आज की लीला के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर समाजसेवी जय भगवान मस्ताना के धर्मपत्नी सुशीला देवी शुभारंभ किया। लीला का शुभारंभ श्रीगणेश वंदना व समस्त जन कल्याण के द्वारा की गई।
प्रधान उमेद प्रजापति ने बताया कि मंचन के दौरान कलाकारों ने दर्शाया कि संमुद्र तट पर वानरों के द्वारा यह विचार विमर्श किया जाता है कि किस तरह से सौ योजन के संमुद्र को पार किया जाए। सभी वानर इसमें अपनी असमर्थता जताते है। तब जामवंत जी श्री हनुमान जी को उनकी भूली हुई शक्तियों को याद दिलाते है जिसके बाद संमुद्र को पार करने के लिए हनुमान जी छंलाग लगाते है। बीच संमुद्र छिपी हुई राक्षसी सुरसा उन्हें खाने के लिए अपना मुंख खोलती है जिसके बाद हनुमान जी अपना शरीर बढ़ाते है।
उसके बाद सुरसा अपने मुंख को ओर विस्तार देती है। हनुमान जी लघु रूप धारण कर सुरसा के मुंह में जाकर वापिस बाहर आ जाते है तथा जाने की आज्ञा मांगते है। उनकी बुद्धिमानी से प्रसन्न होकर सुरसा उन्हें विजयी होने का आर्शीवाद देकर वापिस संमुद्र में लोट जाती है। आगे जाने पर लंका के द्वारा पर पहरा देती हुए लंकनी राक्षसी से हनुमान जी युद्ध करते हुए उसे परास्त कर मृत्यु के द्वारा पहुंचा देते है व उसके बाद लंका में प्रवेश करते है। जहां कि समस्त लंका में सीता को ढुढंते हुए उनकी भेंट श्रीराम के परम भक्त विभिषण से होती है तथा वह उन्हें अशोक वाटिका को जाने को कहते है। अशोक वाटिका पहुंच कर हनुमान जी पेड़ पर छिप जाते है श्रीराम की महिमा का गुणगान करते है। सीता मां के पूछने पर वह श्रीराम द्वारा दी गई मुद्रिका को नीचे गिरा कर अपनी पहचान देते है।
उसके बाद वह भूख लगने पर वाटिका के कुछ फल खाने के दौरान समस्त बाग को उजाड़ देते है तथा रखवालों को मार मार कर अधमरा कर देते है। अक्षय कुमार के उन्हें पकडने आने पर उसे मार देते है। इसके बाद मेघनाथ रावण की आज्ञा से पकडने आता है जिसके बाद ब्रह्मास्त्र की मर्यादा रखने के लिए हनुमान उसके पाश में बंध जाते और उन्हें रावण के दरबार में ले जाया जाता है। इसके अलावा लंका दहन की लीला का भी आज मंचन किया गया। आज की लीला को सजीवता व सटीकता देने का कार्य पाश्र्व गायन तथा संगीत ने बखूबी किया। इस अवसर पर इस अवसर पर समसत कमेटी पदाधिकारी, सदस्यों सहित बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें : Charkhi Dadri News : दादरी अनाज मंडी में 70 हजार क्विंटल बाजरे की आवक हुई