Charkhi Dadri News : वास्तव में दादी जानकी शीतलता व सादगी की प्रतिमूर्ति थी: नीलम बहन

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In fact, Dadi Janaki was the epitome of coolness and simplicity Neelam sister
दादी जानकी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते ब्रह्माकुमार भाई बहन।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। वैश्विक अध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थी दादी जानकी जिन्होंने भारतीय संस्कृति व आध्यात्मिक मूल्यों को अपनी त्याग, तपस्या और सेवा के बल पर विश्व भर के सैकड़ों देशों में फैलाया। यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ दादी जानकी जी के पांचवें पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम वैश्विक अध्यात्मिक जागृति दिवस पर सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए।

ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि दादी जानकी जी को विश्व की मोस्ट स्टेबल माइंड लेडी का खिताब भी हासिल था

ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र कादमा व झोझूकलां में ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. दादी जानकी के पांचवें स्मृति दिवस पर सैकड़ों ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने दादी जानकी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर समाज को दिव्य व श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लिया। ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि दादी जानकी जी को विश्व की मोस्ट स्टेबल माइंड लेडी का खिताब भी हासिल था भारतीय शास्त्रों से ओतप्रोत दादी जानकी जी को हमेशा दूसरों के जीवन को सुखी बनाने की चिंता लगी रहती थी उन्होंने महिलाओ को आत्म संयम का पाठ पढ़ाया।

ब्रह्माकुमारी बहन ने दादी जी के कदमों पर चल भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने का संकल्प भी दिलाया। इस अवसर पर झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने झोझू कलां सेवाकेंद्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दादी जानकी जी 104 वर्ष के थे तब भी उनकी कार्य करने की शैली एक नौजवान जैसी थी वह हमेशा मनुष्य का भावात्मक आध्यात्मिक रचनात्मक सामाजिक विकास करना चाहते थे जिससे मानव का सर्वांगीण विकास हो सके और वह अपनी शारीरिक व मानसिक ऊर्जा का सदुपयोग विश्व के नवनिर्माण में कर सके।

ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने कहा की संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली के साथ-साथ विश्व भर की विभिन्न धार्मिक सामाजिक संस्थाओं को दादी जी ने संबोधित किया अनेकों पुस्तकें भी लिखी। वास्तव में दादी जानकी शीतलता दया करुणा के साथ-साथ सच्चाई, सफाई, सादगी की प्रतिमूर्ति थी।सरपंच प्रतिनिधि रामबास अशोक शर्मा ने ब्रह्माकुमारी बहनों की त्याग तपस्या और सेवा की महिमा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था ने वास्तव में महिला सशक्तिकरण का काम किया है घर परिवार और समाज को अध्यात्म और मानवीय मूल्यों के बल पर समाज को एकजुटता प्रदान कर रही है।

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